जाखू में स्थित हनुमान मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है जहां देश-विदेश से लोग दर्शन करने आते हैं। बात जब हनुमान जयंती की हो तो यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। हनुमान जयंती पर जाखू जी मंदिर में खूब भीड़ जुटी। श्रद्धालुओं ने लंबी भीड़ में खड़े होने के बाद हनुमानजी के दर्शन किए। स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों की भीड़ ने यहां माथा टेका। मंदिर में भंडारे का आयोजन भी किया।
जाखू मंदिर में जो समुद्र तल से 8040 फुट की ऊंचाई पर जाखू पहाड़ पर स्थित है। जाखू जी में बनी 108 फीट ऊंची प्रतिमा को शिमला के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। मान्यता है कि राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी के मूर्छित हो जाने पर संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय की ओर आकाश मार्ग से जाते हुए हनुमान जी की नजर यहां तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि पर पड़ी। बाद में इसका नाम यक्ष ऋषि के नाम पर ही यक्ष से याक, याक से याकू, याकू से जाखू तक बदलता गया। हनुमान जी विश्राम करने और संजीवनी बूटी का परिचय प्राप्त करने के लिए जाखू पर्वत के जिस स्थान पर उतरे, वहां आज भी उनके पद चिह्नों को संगमरमर से बनवाकर रखा गया है।
ये भी मान्यता है कि ये पहाड़ी काफ़ी ऊंची थी लेकिन हनुमानजी के यहां उतरने से पहाड़ धंस गया। हनुमानजी मंदिर में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी शीश नवाया और सभी को शुभकामनाएं दी।