प्रदेश में शराब बिक्री में चल रहे खेल पर नकेल कसने के लिए जयराम सरकार हरकत में आ गई है। आबकारी महकमे ने शराब के थोक विक्रेताओं के 56 लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि लाइसेंस निरस्त होने वाले अधिकांश थोक विक्रेता राज्य से बाहर के हैं।
बेवरेज कारपोरेशन से इन विक्रेताओं को शराब सप्लाई होती थी, जिसमें अपना लाभांश तय कर ठेकों को रिटेल सप्लाई देते थे। आबकारी नीति और L 1 D और L 13 D लाइसेंसिंग को लेकर सरकार के जांच के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई। अनुमान लगाया जा रहा है कि कॉरपोरेशन से सीधे रिटेलर को शराब देने की व्यवस्था में थोक दुकानें शामिल कर सरकार को कई करोड़ का नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि जयराम सरकार के मंत्रिमंडल ने 10 जनवरी को बेवरेज कारपोरेशन को भंग करने के साथ आबकारी नीति में एल 1 डी और एल 13 डी लाइसेंस व्यवस्था समाप्त करने का निर्णय लिया था।
वहीं, पुरानी व्यवस्था समाप्त होने से सरकार का चालू वित्तीय वर्ष में 3 करोड़ तक राजस्व बचेगा। सरकार ने आबकारी नीति, बीवरेज कारपोरेशन के कामकाज और राजस्व नुकसान की जांच से पहले पूरे दस्तावेज विभाग से तलब कर लिए हैं। वहीं, प्रधान सचिव आबकारी जेसी शर्मा ने लाइसेंस समाप्त करने की कार्रवाई की पुष्टि की है।