खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि नूरपुर चौगान में 10 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इंडोर स्टेडियम को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से जाना जाएगा। यह घोषणा उन्होंने सोमवार को स्थानीय बृज राज बहुउद्देश्यीय खेल मैदान में 3 करोड़ 13 लाख रुपए की लागत से बनने वाले शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एवं पार्किंग का शिलान्यास करते हुए की।
उन्होंने बताया कि इस परिसर की दो मंजिलों में 80 दुकानों का निर्माण किया जाएगा, जबकि धरातल मंजिल में करीब 200 छोटी गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। इस परिसर में बैंक, एटीएम, रेस्टोरेंट सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान खोले जाएंगे, ताकि इनसे मिलने वाले किराए से विभाग को आमदन हो सके । इस कॉम्प्लेक्स के किराए से प्रतिमाह होने वाली आमदनी से ही स्टेडियम के खर्चों को चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का यह पहला विभागीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स होगा, जिसकी अपनी आमदनी से ही इसके खर्चों को चलाया जाएगा।
राकेश राकेश पठानिया ने कहा कि इस बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम को प्रदेश का सबसे बेहतरीन स्टेडियम बनाने के साथ-साथ नूरपुर को खेल नगरी बनाने के लिए वे प्रयासरत है, ताकि इस ऐतिहासिक चौगान मैदान और इस क्षेत्र को भी देश-प्रदेश के अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। उन्होंने बताया कि इस इंडोर स्टेडियम में सभी मौसमों में खेलों के आयोजन की सुविधा मिलेगी। इस स्टेडियम के बनने से जहां स्थानीय लोगों को अपना रोजगार और स्वरोजगार शुरू करने के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं पहले से ही यहां पर अपना कामधंधा चला रहे लोगों को भी पक्की दुकानें मिल सकेंगी।
खेल मंत्री ने कहा कि 10 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे बहुउद्देश्यीय खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिसमें इन्डोर स्टेडियम का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जिसे शीघ्र ही युवाओं को समर्पित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त यहां पर 7 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से सिंथेटिक ट्रैक सहित अन्य सभी जरूरी खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जल्दी ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कि बताया कि स्टेडियम में सोलर पैनल लगाने के लिए 45 लाख रुपए की राशि स्वीकृत करने का मामला केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिससे स्टेडियम में हर समय बिजली की व्यवस्था उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने तथा उन्हें खेल गतिविधियों से जोड़ने के लिए पंचायतों के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों में खेल मैदान विकसित करने की दिशा में विशेष कार्य किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिल सकें।