अमेरिका सरकार की अवर सचिव और तिब्बती मामलों में अमेरिका की विशेष संयोजक उजरा जेया अपने पांच दिवसीय भारत और नेपाल दौरे पर हैं. इसी सिलसिले में उजरा जेया सीधे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पहुंच गई हैं. भारतीय मूल की उजरा जेया अमेरिकिन सरकार में अति महत्वपूर्ण ओहदे पर हैं और इन्हें यूएस सरकार की ओर से मानव अधिकारों, लोकतांत्रिक शासन और मानवीय प्राथमिकताओं के मद्देनजर भारत में भेजा गया है.
इसी कड़ी में आज उजरा जेया सीधे अमेरिकन दूतावास की एक और प्रतिनिधि पेट्रीसिया ए. लसीना के साथ धर्मशाला पहुंच गई. जेड प्लस सुरक्षा के बीच यहां उनका निर्बासित तिब्बतियन नागरिकों और सरकार की ओर से भव्य स्वागत किया गया. सुबह से ही निर्बासित तिब्बतियन नागरिक अपने सांस्कृतिक दलों के साथ पारम्परिक परिधानों और अमेरिका, भारत और तिब्बत के झंडे लेकर कांगड़ा के कांगड़ा एयरपोर्ट पर स्वागत के लिये पहुंचे हुये थे, जैसे ही उजरा जेया और पेट्रीसिया ए लसीना एयरपोर्ट से बाहर आईं तिब्बतियन नागरिकों में स्वागत के दौरान एक अलग से ही जोश और जनून देखने को मिला.
हर नागरिक की आंखों में सुनहरे भविष्य की एक झलक नज़र आ रही थी, हर एक को ऐसा लग रहा था कि कोई उनके लिये उनके वतन वापसी का कोई बहुत बड़ा तोहफ़ा लेकर उनके यहां आ रहा है. इनके नागरिकों ने बताया कि लेडी पेट्रीसिया का यहां आना उनके लिये बेहद महत्वपूर्ण है. वो यहां निर्बासित तिब्बतियों के बीच दो दिन तक अपना महत्वपूर्ण वक़्त गुजारेंगी और निर्बासित तिब्बतियों उनकी सरकार की हर गतिविधि को समझने की पूरी कोशिश करेंगी. यहां तक कि वो निर्बासित तिब्बतियों द्वारा चलाये जा रहे स्कूलों और सांस्कृतिक उत्थान केंद्रों में भी विजिट करेंगी.
इन्होंने बताया कि उजरा जेया और पेट्रीसिया यहां से जो कुछ भी देख सुन और समझ कर जाएंगी उसका सीधा सीधा असर निर्बासित तिब्बतियों के एक न एक दिन वतन वापसी पर जरूर पड़ेगा इसलिये क्योंकि अमेरिका को चीन में किसी तरह की कोई रोक टोक नहीं है और वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात बखूबी रख सकता है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर वो निर्बासित जिंदगी जी रहे तिब्बतियों की बात भी वो जरूर रखेंगे. जिसका उन्हें बेहद लाभ होगा उजरा जेया के दो दिवसीय दौरे को लेकर हिमाचल ही नहीं बल्कि भारत सरकार भी संजीदा नज़र आ रही है. यहां उन्हें सुरक्षा की लिहाज़ से हर प्रकार के गार्ड मुहैया करवाये गये हैं एयरपोर्ट पर भी उन्हें किसी के साथ मिलने देने की बजाय सीधे उनके वाहन में बिठाकर गन्तव्य की ओर रवाना किया गया लेडी उजरा जेया को भारत की ओर से भी ज़ेढ प्लस सुरक्षा घेरा ही मुहैया करवाया गया है.