हिमाचल प्रदेश में ड्रोन प्रशिक्षण के लिए पहला फ्लाइंग स्कूल कांगड़ा जिला के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) शाहपुर में स्थापित किया जाएगा। प्रधान सचिव (सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा) डॉ. रजनीश ने इस संबंध में जानकारी दी। इसके लिए शनिवार को तकनीकी शिक्षा निदेशक विवेक चंदेल और केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्रालय की स्वायत्तशासी संस्था इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
यह संस्थान सरकारी कर्मचारियों के साथ लोगों को भी ड्रोन के उपयोग के बारे में मार्गदर्शन करेगा। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। डॉ. रजनीश ने बताया मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2022-23 के बजट संबोधन में प्रदेश में चार ड्रोन फ्लाइंग स्कूल स्थापित करने की घोषणा की है। प्रदेश में ड्रोन सुविधा का उपयोग 11 कामों में किया जा सकेगा। दवाओं की आपूर्ति, कृषि, वानिकी, राहत एवं बचाव, निगरानी, यातायात व मौसम संबंधी निगरानी, अग्निशमन, व्यक्तिगत उपयोग, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में इसका उपयोग किया जा सकेगा। यह प्रदेश में लॉजिस्टिक्स की सुविधा भी प्रदान करेगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर में प्रशिक्षण के लिए भूमि और भवन व सिम्यूलेटर की स्थापना के लिए एक कमरा उपलब्ध करवाया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी ने प्रदेश के 100 सरकारी कर्मचारियों को तीन साल के लिए 15 प्रतिशत विशेष रियायत प्रदान करने और राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बीपीएल श्रेणी के 100 प्रशिक्षुओं को तीन वर्ष के लिए श्रेणी एक, लघु, मल्टी-रोटर प्रशिक्षण 55 हजार रुपये व 18 प्रतिशत जीएसटी की दर पर प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है।