एस.एफ.आई. ठियोग इकाई ने छात्रों को लामबंद करते हुए यूजी के प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम में गड़बड़ियां हुई है. उसको लेकर धरना प्रदर्शन किया. इस धरना प्रदर्शन में बात रखते हुए एसएफआई ठियोग इकाई के भूतपूर्व साथी संदीप ने कैंपस में कहा कि जो UG का प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम आया है. उसके अंदर काफी खामियां है जिसके चलते पूरे प्रदेश के अंदर 80%छात्रों का रिजल्ट खराब आया .है इसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन है.
विश्वविद्यालय के अंदर इआरपी सिस्टम के चलते इस तरह का परीक्षा परिणाम सामने आया है जिसके चलते छात्रों को मानसिक दौर से गुजर ना पड़ रहा है. उन्होंने बात रखते हुए कहा कि एसएफआई बड़े लंबे समय से इस इआरपी सिस्टम को विश्वविद्यालय से निकालने की मांग कर रही है. परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन इस ओर कोई सुध नहीं ले रहा है. जिसके चलते इसका परिणाम छात्रों को भुगतना पड़ रहा है और इसके कारण कुछ छात्रों ने प्रदेश ने के अंदर आत्महत्या करने की कोशिश की है.
उन्होंने बात रखते हुए कहां की विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले दो-तीन सालों से ऑनलाइन इआरपी सिस्टम के माध्यम से परीक्षाओं की चेकिंग करवा रहा है जिसके कारण छात्रों के आधे अधूरे परीक्षा परिणाम देखने को मिल रहे हैं. इससे पहले भी इस तरह के परिणाम पीजी छात्रों के आ चुके हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इआरपी सिस्टम के माध्यम से एक प्राइवेट कंपनी को विश्वविद्यालय की एग्जामिनेशन ब्रांच को पूरा ठेके में दिया है.
यह कंपनी छात्रों के पेपरों को ऑनलाइन स्क्रीनिंग के माध्यम से चेक करवाती है पर विश्वविद्यालय का रेगुलर कर्मचारी जिसके देखरेख में यह पेपर चेक होने चाहिए थे. उसके देखरेख में यह पेपर चेक नहीं हो रहे हैं. जिसके चलते विश्वविद्यालय के सिक्रेसी पर भी सवाल खड़े उठते है.
इस धरने में बात रखते हुए एसएफआई के अध्यक्ष हेमंत ने कहा कि पिछले लंबे समय से विश्वविद्यालय प्रशासन ने नॉन टीचिंग स्टाफ की रेगुलर भर्ती नहीं करवाई है. जिसके चलते छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और पूरी विश्वविद्यालयों का निजीकरण और ठेकाकरण करने की कोशिश विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के ऑर्डिनेंस को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय निजी हाथों में देने के लिए तैयारियां कर रहा है.
एसएफआई कैंपस सचिव काजल ने कहा कि अगर इन परिणामों को जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया. तो आने वाले समय के अंदर पूरे हिमाचल प्रदेश के छात्रों को लामबंद करते हुए एसएफआई विश्वविद्यालय प्रशासन का घेराव भी करेगी. उन्होंने बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इआरपी सिस्टम को निकाल कर फेंक देना चाहिए. ताकि आने वाले समय के अंदर इस तरह के परीक्षा परिणाम छात्रों के ना आए और उन्हें मानसिक प्रताड़ना से ना गुजर ना पड़े.
एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द छात्र मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया. तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा. जिसका जिम्मेदार खुद प्रशासन होगा.
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