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मंडी में तबाही की बारिश, पांच की मौ*त, दो लापता, कई जगह फटे बादल

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मंडी में दस दिन के अंतराल के बाद फिर से तबाही की बारिश हुई है। बारिश के इस कहर ने पांच और जिंदगियां लील ली हैं जबकि दो लोग मलबे के नीचे दबे हैं व अभी तक निकाले नहीं जा सके हैं। मंगलवार रात से ही शुरू हो गई भयंकर बारिश बुधवार को पूरा दिन जारी रही। जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली लगभग सभी सड़कें बंद हो गई।

सराज विधानसभा क्षेत्र के  बालीचौकी उपमंडल के कुकलाह में बादल फटने से नोक सिंह उम्र 24 पुत्र जय नंद गांव बागी बोनार्ड की मौत हो गई जबकि तीन लोगों विजेंद्र सिंह, घनश्याम व तेज सिंह को लोगों ने किसी तरह मलबे से निकाल लिया। विजेंद्र सिंह घायल हैं तथा उसे अस्पताल भेजा गया है।

सराज के थुनाग उपमंडल की जैंशला पंचायत में भारी बारिश से हुई भूसख्लन से गांव डगैल के 40 वर्षीय परमानंद व गोपी देवी पुत्री मीनू राम 15 साल की मौत हो गई जबकि ममता पुत्री नूप चंद 17 साल, पूर्ण देवी पत्नी गुलाब सिंह 46 मलबे में दबे हुए हैं।

गोहर उपमंडल के अणाह में तेजा राम पुत्र लुहारू राम गांव झौट की मलबे में दब जाने के कारण मौत हो गई। सदर मंडी के तहत आने वाले दं्रग विधानसभा क्षेत्र के गांव संगलेहड़ कटौला की लक्ष्मी देवी की मकान के नीचे आकर दब जाने से मौत हो गई। वहीं कटौला के नरपत राम पुत्र चंदे राम को बचा लिया गया। अभी भी जिले से कहर की खबरें लगातार आ रही हैं।

दस दिन पहले ही बारिश के कहर में जिले में 24 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 4 अभी भी लापता हैं। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ मदन कुमार ने इन मौतों व लापता हुए लोगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन सतर्क है। उपायुक्त अरिंदम चौधरी पंडोह में डेरा डाले हुए हैं। पंडोह रेस्ट हाउस व मून होटल को रिलीफ कैंप बना दिया गया है।

राधा स्वामी सत्संग भवन में 250 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर दी है। 100 लोग वहां ठहर भी सकते हैं। कुकलाह में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है ताकि मलबे को हटाकर यदि कोई उसमें दबा हो तो उसे निकाला जा सके।

मंदिर स्कूल रहे बारिश के निशाने पर

एक दर्जन से अधिक स्कूलों को बारिश ने अपना निशाना बनाया है। गनीमत यह रही कि प्रशासन ने बीती रात ही एक अधिसूचना जारी करके मौसम की भविष्यवाणी को देखते हुए दो दिन के लिए जिला के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए थे। कुकलाह में फटे बादल से स्कूल तबाह हो गया।

हणोगी के पार सारटी स्कूल, खोलानाल स्कूल, द्रंग के इलाका बदार में दियोरी स्कूल समेत एक दर्जन से अधिक स्कूल बादल फटने से आई बाढ़ से तबाह हो गए। मंडी कुल्लू मार्ग पर स्थित हणोगी मंदिर को भी सामने से मलबा आने मार्ग बाधित हो गया तथा मंदिर के आगे मलबा एकत्रित हो गया।

द्रंग के रैंस में बादल फटने से गांव बलौण के नेत्र सिंह के दो मकान जमींदोज हो गए, उनकी दो गाएं भी इसमें जिंदा बह गई। बादल फटने का मलबा रैंसनाला में बनी फोरलेन की सुंरगों के बीच बने पुल से उपर होकर गुजरा। इससे फोरलेन को भी बड़ा नुकसान हुआ।

सराज के खोलानाल में स्कूल के साथ साथ दुकानों व मकानों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। कटौला में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। इधर, सुंदरनगर के नौलखा स्थित होटल रूप में आधी रात को आसमानी बिजली गिरने से होटल का बड़ा भाग जल गया। इससे 20 लाख से अधिक का नुकसान होने का आकलन है।

भारी बारिश से ल्हासे आने के कारण जिला मुख्यालय बुधवार की सुबह पूरी तरह से कटा रहा। सुंदरनगर चंडीगढ़ मार्ग तो बाद में खुल गया मगर कुल्लू, पठानकोट समेत अन्य सभी मार्ग बंद हैं। जिले की 2 एनएच समेत 254 सड़कें बंद हैं।

बारिश के चलते इन्हें बहाल करने में दिक्कत आ रही है। कोटरूपी व मैगल में सड़क धंसने से मंडी पठानकोट मार्ग बंद हो गया है। मंडी कुल्लू के बीच 350 से अधिक गाड़ियां फंसी हुई हैं। पंडोह के आसपास भी बड़ी संख्या में वाहन फंसे हैं। फंसे लोगों को पंडोह में बनाए रिलीफ केंद्रों में ठहराने की व्यवस्था की गई है।