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हमीरपुर: गर्भवती महिला मौत मामले में डीसी ने दिए जांच के आदेश

जसबीर कुमार |

हमीरपुर जिला के निजी अस्पताल की कथित लापरवाही के कारण गर्भवती रेखा कुमारी की मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। मामले को लेकर मंगलवार को मृतका की बहन और ग्रमीणों ने डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक को मामले के बारे में अवगत करवाया और निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग उठाई। परिजनों की मांग पर उपायुक्त ने सीएमओ हमीरपुर को जांच के निर्देश दिए हैं।

मृतक रेखा की बहन नीलम चौहान ने बताया कि रेखा कुमारी 7 माह से गर्भवती थी और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए नियमित रूप से साईं अस्पताल डुग्घा जाती थी। सात माह की रिपोर्ट में साईं अस्पताल द्वारा रेखा और भ्रूण का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक बताया जाता रहा। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन नियमित चेकअप फीस भी वसूलता रहा। 15 जनवरी की शाम को रेखा की तबीयत तेजी से बिगड़ी तो उसे फिर निजी अस्पताल डुग्घा लाया गया। यहां इमरजेंसी में न तो स्ट्रैचर मिला और न ही तुरंत डॉक्टर मिला। रेखा को गोद में उठाकर अस्पताल की दूसरी मंजिल तक पहुंचाया गया। उस वक्त रेखा को कोई ब्लीडिंग नहीं थी।

नीलम ने बताया कि 15 जनवरी को रात 9 बजे निजी अस्पताल प्रबंधन ने एक इंजेक्शन लगाकर हमें मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा ले जाने के फरमान दे दिए। करीब रात पौने बारह बजे मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा पहुंचे और करीब एक घंटे के टेस्ट के बाद बताया गया कि करीब 8 माह का भ्रूण पेट में ही मर चुका है और अब रेखा की जान को भी खतरा है। इसी बीच रात 2.30 बजे टांडा मेडिकल अस्पताल में रेखा ने दम तोड़ दिया।

मृतक रेखा के भाई अजय कुमार ने सारे प्रकरण की जिला स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर दोषियों को दंडित करने की गुहार लगाई है।