शिमला कच्ची घाटी में गुरुवार शाम को एक 8 मंज़िला भवन भर भराकर गिर गया। इस 8 मंजिला भवन के गिरने से आस-पास के दर्जन भर अन्य भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। दर्शन कॉटेज नामक इस भवन में फ्लैट बनाकर बेचे गए थे। इस भवन की चपेट में आने से दूसरी दो मंजिला बिल्डिंग भी गिर गई है जबकि साथ लगते दर्जन भर भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। हालांकि भवन के गिरने से जानी नुकसान नहीं हुआ है लेकिन लाखों की संपत्ति नष्ट हो गई है।
इस बहुमंजिला इमारत की कुछ दिन पहले से ही गिरने की आशंका जताई जा रही थी। जिसको देखते हुए इस भवन में रह रहे लोगों को 15 दिन पहले ही भवन खाली करने के आदेश दिए गए थे लेकिन लोगों ने इसे खाली नहीं किया था। लेकिन जब आज दोपहर जब ये भवन गिरने लगा तो लोगों ने भवन खाली किया। बता दें कि शिमला में 4 मंजिला से अधिक भवन बनाने की मंजूरी नहीं है। अब तो एनजीटी ने अढ़ाई मंजिल से अधिक इमारत बनाने पर रोक लगा दी है।
वहीं, शिमला में भवन गिरने की घटना पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस भवन के गिरने की छानबीन की जाएगी की कब ये भवन बना था, किसने इस भवन का नक्शा पास किया था। भवन गिरने के कारण जानने के लिए टेक्निकल लोगों की सहायता ली जाएगी। साथ ही आस-पास के अन्य भवनों की भी जांच की जाएगी। फिलहाल उन भवनों को खाली करवा दिया गया है। उन्होंने कहा जो परिवार इस भवन में रहते थे उन्हें फौरी राहत मुहैया करवा दी जाएगी। समय रहते प्रशासन ने बिल्डिंग को खाली करवा दिया था जिस कारण से बड़ा हादसा टल सका है।