मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी में बर्फ में फंसे युवक की पुलिस ने रेस्क्यू कर जान बचाई। करसोग से शिकारी माता के दर्शन करने गए एक युवक जान बचाने के लिए पुलिस मसीहा बनकर सामने आई है। एक युवक माता के दर्शन करने को अकेले ही बखरोट से होकर शिकारी मंदिर के लिए पैदल ही निकल गया, लेकिन रास्ता भटकने की वजह से युवक रायगढ़ पहुंच गया। इस दौरान जब वह जब दर्शनों के लिए आगे बढ़ा तो मंदिर से करीब 400 मीटर पीछे भारी बर्फ जमी होने की वजह से मंदिर तक नहीं पहुंच पाया।
ऐसे में बर्फ के बीच फंसता देख युवक ने आपात काल सेवा के 112 नंबर पर संपर्क कर सूचना दी। जिस पर जंजैहली पुलिस ने तुरंत प्रभाव से हेड कॉस्टेबल तरुण कुमार के नेतृत्व में 6 सदस्यीय रेस्क्यू टीम घटना स्थल के लिए रवाना हो गई। लेकिन रायगढ़ तक गाड़ी में पहुंचने के बाद रेस्क्यू टीम को भारी बर्फ होने की वजह से पैदल ही घटना स्थल तक पहुंचना पड़ा। ऐसे में पैदल सफर तय करने के बाद रात 2 बजे युवक को बर्फ से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान एसडीएम करसोग सन्नी शर्मा रात भर लगातार थुनाग प्रशासन के संपर्क में रहे।
रेस्क्यू होने तक पुलिस लगातार फोन के माध्यम से युवक के संपर्क में रहकर हौसला बढ़ाती रही। ताकि कड़ाके की ठंड में बर्फ के बीच फंसे युवक हिम्मत न हारे। ऐसे में रात 2 बजे युवक को सुरक्षित बर्फ से बाहर निकाला गया। जिसके बाद युवक को प्राथमिक उपचार के लिए जंजैहली अस्पताल लाया गया। बताया जा रहा है कि युवक बीए का छात्र है और शिमला में पढ़ाई कर रहा है। जो छुट्टियां होने के कारण 2 दिन पहले की घर आया था। डीसीपी करसोग गीतांजली ठाकुर ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शिकारी देवी के समीप युवक के बर्फ में फसें होने की सूचना 112 के माध्यम से रात करीब साढ़े 7 बजे प्राप्त हुई थी। जिसके बाद जंजैहली पुलिस को युवक के रेस्क्यू के लिए भेजा गया और रात 2 बजे युवक को बर्फ से सुरक्षित बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि युवक नरेंद्र कुमार पुत्र इंद्रजीत सिंह चुराग करसोग का रहने वाला है जो कॉलेज में पढ़ता है।
एसडीएम थुनाग पारस अग्रवाल ने बताया कि शिकारी माता मंदिर तक पहुंचने के लिए बहुत से पैदल रास्ते हैं। करसोग से एक युवक जंगल के रास्ते पैदल ही ट्रेकिंग करते हुए मंदिर जा रहा था, लेकिन इस दौरान युवक रास्ता भटक गया। युवक ने ट्रेकिंग का पूरा समान और खाना साथ डाल रखा था। उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में बर्फबारी को देखते हुए मंदिर जाने की मनाही है।