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शिमला: पेड़ गिरने से सड़क व बिजली ट्रांसफार्मर को पहुंचा नुकसान, जनता की सुरक्षा दांव पर

पी.चंद |

शिमला नागरिक सभा की कैथू इकाई ने नगर निगम शिमला व प्रदेश सरकार से कैथू अनाडेल सड़क पर स्थित चिटकारा पार्क में पेड़ गिरने से सड़क व बिजली ट्रांसफार्मर को हुए भारी नुक्सान पर तुरन्त हस्तक्षेप करने की मांग की है. नागरिक सभा ने मांग की है कि पेड़ गिरने से वाहनों की आवाजाही पर भारी खतरा मंडरा रहा है व कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इसलिए सड़क व बिजली ट्रांसफॉर्मर की मुरम्मत का कार्य तुरन्त शुरू हो.

नागरिक सभा नेता विजेंद्र मेहरा,कैथू इकाई संयोजक बालक राम व सह संयोजक रंजीव कुठियाला ने नगर निगम शिमला से जनता की सुरक्षा के लिए सड़क को तुरन्त दुरुस्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पेड़ गिरने से कैथू अनाडेल सड़क को बहुत नुक्सान हुआ है व जनता की सुरक्षा दांव पर है. बिजली का ट्रांसफॉर्मर भी टूट कर गिर चुका है.

वहीं, पानी की पाइपलाइन टूटने से पानी के बहाव से सड़क भारी खतरे की जद में है. सीवरेज लाइन भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि यह सड़क पूरी तरह ज़र्ज़र हो चुकी है. इस सड़क में कई जगह दरारें आ चुकी हैं. भर्ती दफ्तर व चिटकारा पार्क पर दो जगह सड़क पूरी तरह गिर चुकी है. पेड़ के गिरने के बाद सड़क पर भारी जोखिम लेकर वाहनों की आवाजाही हो रही है. ऐसे में उक्त स्थान पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है व जानमाल को भारी नुकसान हो सकता है. इसके अलावा चिटकारा पार्क में सड़क में कई मीटरों तक निरन्तर दरारें आ चुकी हैं. इस सड़क का ज़्यादातर हिस्सा कभी भी गिर सकता है.

उन्होंने कहा कि यह सड़क गिरने से कभी भी कैथू अनाडेल पैदल मार्ग व सड़क में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बन्द हो सकती है जिस से जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. नागरिक सभा ने इस पूरे मसले पर नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली को गैर जिम्मेदाराना करार दिया है. क्योंकि लगभग एक महीने से यह यथास्थिति बरकरार है व इस संदर्भ में कोई भी कार्य नहीं हो रहा है.

उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि नगर निगम शिमला के प्रशासन को जनता के जानमाल के नुक्सान व सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि केवल चिटकारा पार्क में पेड़ के कारण गिरी सड़क को आनन – फानन में दुरुस्त करके अगर नगर निगम शिमला ने अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की व कई मीटरों तक ज़र्ज़र सड़क को ठीक न किया तो स्थानीय जनता सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर होगी.