मंडी में रेहड़ी लगाने वाली महिला से नगर निगम के एक सहायक अभियंता द्वारा की गई कथित मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को रेहड़ी फहड़ी यूनियन ने सेरी मंच से लेकर नगर निगम के कार्यालय तक प्रदर्शन किया तथा एक ज्ञापन निगम की मेयर, व आयुक्त को सौंपा गया।
पुलिस अधीक्षक को भी इस संबंध में ज्ञापन दिया गया। जनवादी महिला समिति ने भी एक ज्ञापन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौंपा तथा एक पुरूष अधिकारी द्वारा महिला के साथ की गई मारपीट को गंभीर मानते हुए कड़ी कार्रवाई मांगी। यूनियन के महासचिव प्रवीण कुमार ने बताया कि आयुक्त नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में एक कमेटी का गठन करके निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी।
यूनियन ने हैरानी जताई कि रेहड़ी लगाने वाली महिला के साथ मारपीट की गई और संबंधित अधिकारी ने पुलिस चैकी में आकर क्षमा भी मांगी व समझौता भी किया। अब वह इससे मुकर रहे हैं जबकि महिला नगीना अस्पताल में भर्ती है और उसके इलाज में भारी खर्चा हो रहा है। समझौते में उक्त अधिकारी ने महिला के इलाज का खर्चा उठाने की भी बात कही थी मगर कोई मदद नहीं की। उसकी रेहड़ी तीन दिनों से बंद है जिससे उसका 15 हजार रूपए का सामान सड़ गल कर खराब हो चुका है।
सीटू के बैनर तले राज्य कमेटी के सदस्य गुरूदास वर्मा की अगुवाई में इस प्रदर्शन में गोपेन्द्र शर्मा,सुरेश सरवाल और रेहड़ी यूनियन के महासचिव प्रवीण कुमार, मनी राम, दीपक कुमार, रमेश कुमार, सिकंदर, रेहाना अख्तर, बिमला, मीना कुमारी, सुंदरी, आशा इत्यादि ने किया। यूनियन ने हैरानी जताई कि एफआईआर दर्ज किए हुए चार दिन हो गए मगर पुलिस ने अभी तक पीड़ित महिला के ब्यान तक दर्ज नहीं किए। इलाज करवाने से भी मना कर दिया। इस मामले में यूनियन ने पुलिस चैकी प्रभारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग उठाई है। तीन दिन में कोई कार्रवाई न होने पर आंदोलन तेज करने की धमकी भी यूनियन ने दी है।
इधर, इसी मारपीट के मामले को लेकर सोमवार को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की मंडी ईकाई ने अध्यक्ष वीना वैद्य की अगुवाई में नगर निगम, मंडी के अधिकारी द्वारा 27 जुलाई रात के लगभग दस बजे कूडे को लेकर मानसिक रुप से बीमार बेटे के साथ हुई लडाई का बीच बचाव करने आई महिला नगीना, जो सुकोडी पुल पर रेहड़ी लगाती है की बेरहमी से की गई पिटाई के विरोध मे एएसपी अमित यादव को ज्ञापन सौंपा। समिति ने माँग की है
कि महिला की एक पुरुष अधिकारी द्वारा पिटाई निन्दनीय है।इसकी इजाजत कोई कानून नहीं देता है। ऐसे में महिला हिँसा कानून के मद्देनजर अधिकारी पर कड़ी कारवाई की जाए। पुलिस विभाग द्वारा पीड़िता की रात को ही शिकायत न दर्ज करने और 29 जुलाई को बिगडती तबीयत को नजरअंदाज करने व लापरवाही बरतने पर कडा सँज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें।