गुड़िया रेप मर्डर मामले से जुड़े सूरज की हत्या मामले में सीबीआई चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई के ने 600 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है जिसमें सीबीआई की कहना है कि लॉकअप में सूरज की हत्या राजू ने नहीं की, बल्कि सूरज की हत्या पुलिस की प्रताड़ना से हुई है।
लिहाजा, कोर्ट भी सीबीआई की चार्जशीट और पुलिस के पक्ष को देखते हुए अपना फैसला ले रहा है। लेकिन, जिस तरह सीबीआई की चार्जशीट ये दावा कर रही है उससे पुलिस वाले और मुश्किलों में पड़ सकते हैं। अभी तक सैंपल की रिपोर्ट्स आना बाकी है औऱ सैंपल के जरिये सीबीआई फिर कोई बड़ा झटका पुलिसवालों को दे सकती है।
ये लगी हैं धाराएं…
जांच एजेंसी द्वारा जो धाराएं लगाई है उनमें 302, 326, 330, 331, 195, 196, 218, 201, 120 बी, 348 शामिल हैं। यानी पुलिस के विशेष जांच दल पर सीबीआई द्वारा जो आरोप इन धाराओं के मार्फ्त लगाए गए हैं, उनमें आपराधिक षड़यंत्र रचने, असल दोषियों को बचाने, गलत तरीके से लॉकअप में बंद कर गुनाह कबूल करवाने, झूठी गवाही पेश करने, जानबूझ कर जुल्म कबूल करवाने के लिए थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करने के साथ हत्या का भी संगीन आरोप है।
इसी कड़ी में सीबीआई द्वारा एसआईटी में शामिल जैदी समेत आठ अन्य पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की आवाज के सैंपल लेने के लिए अर्जी दायर कर दी है। इसके मार्फ्त सीबीआई मोबाईल कॉल डिटेल व उसमें मिली आवाजों का मेल करवाना चाहती है।
सूरज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा
सूरज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जो पुलिस ने करवाया उसमे 22 जख्म उसके शरीर पर बताए गए जबकि सीबीआई के पोस्टमार्टम में 32 ज़ख्म पाए गए।