Follow Us:

कांगड़ा: बंदूक की नौक पर ज्वैलर्स से करोड़ों की लूटपाट को अंजाम देने वाले लुटेरे चढ़े पुलिस के हत्थे

मृत्युंजय पुरी |

22 अप्रैल की देर शाम को गगल के बनोई में नामी ज्वैलर्स के साथ हुई करोड़ों की लूट की बारदात को पुलिस ने एक महीने में सुलझाने में कामयाबी पाई है। पुलिस ने घटना में शामिल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 2 पिस्टल और कुछ चांदी भी बरामद की है। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कांगड़ा पुलिस भी काफी उत्साहित नजर आ रही है और इस घटना में हुई गिरफ्तारियों को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मानकर चल रही है। 

ऐसा इसलिए क्योंकि शायद कांगड़ा पुलिस ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि जिस घटना को सुलझाने के लिये वो दिन-रात एक कर रहे हैं उस घटना के पीछे काम करने वाले अपराधी कोई साधारण अपराधी नहीं बल्कि बेहद खूंखार अपराधी हैं। जिनके सर पर कई राज्यों में इनाम घोषित हैं। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ पंजाब, जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों में हत्या, डकैती, लूट समेत कई छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के जघन्य अपराधों के मामले भी दर्ज हैं। इतना ही नहीं जानकारी तो यहां तक है कि ये बड़े-बड़े नामी लोगों की सुपारी लेकर उन्हें भी ठिकाने लगाने का काम किया करते थे। 

शायद यही वजह है कि कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन ने इस घटना को सुलझाने के लिये अपने 32 जांबांज सिपाहियों को दिन-राज इसके पीछे लगा रखा था, और अन्तत: इस मामले को सुलझाने के साथ, समाज के खूंखार अपराधियों को भी गिरफ्त में लेने की कामयाबी हासिल की है। बाकायदा इसको लेकर खुद एसपी विमुक्त रंजन भी बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने अपने तमाम जांबाज सिपाहियों को शाबाशी देते हुये उनकी पीठ भी थपथपायी है। 

क्या कहते हैं एसपी कांगड़ा 

एसपी विमुक्त रंजन ने बताया कि 22 अप्रैल को बनोई के ज्वैलर्स ने शिकायत दी थी कि रात के वक्त कुछ अज्ञात हमलावरों ने अंधेरे का फायदा उठाकर उन पर फायर किया और उनके पास जो 2 से तीन किलो के करीब सोना, 20 से 25 किलो के करीब चांदी था उसे लूटकर फरार हो गये। हालांकि पुलिस मौके पर पहुंची, घटना का मुआयना किया मगर इतने शांत इलाके में अपनी तरह की इस पहली घटना की मामूलात करना बेहद जटिल था। मामला बेहद ब्लाइंड था, बावजूद इसके पुलिस ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और एक टीम का गठन किया जिसमें टेक्निकल और ग्राउंड टीम के जांबाज सिपाही मौजूद थे। उसके बाद ज्वाली के कोटला इलाके से दो लवारिस लोगों को हिरासत में लिया गया। जब पूछताछ शुरू हुई तो इसी मामले की कड़ियां जुड़ती गई, फिर क्या था, तार आगे से आगे जुड़ रहे थे, और साथ के साथ गिरफ्तारियां भी हो रही थीं। मगर मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर थे। 

पुलिस को ये जानकारी मिल चुकी थी कि मुख्य आरोपी जम्मू भाग चुके हैं, उसके बाद उन्होंने टीम में अधिकारियों का इजाफा करते हुये एएसपी राजेश कुमार और डीएसपी वलदेव को के जरिये नूरपुर क्षेत्र से ऑपरेट करने की ठानी और आठ आईपीएस अधिकारी अशोक रत्न एसडीपीओ नूरपुर की अगुवाई में धर्मशाला सदर के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेश कुमार, मुख्य आरक्षी विजय कुमार समेत टैक्निकल टीम को जम्मू के लिये रवाना किया जहां से एक के बाद एक करके चार अन्य मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जैसे ही गिरफ्तारियां हुईं और उन्हें लोकल पुलिस के सामने पेश किया तो वहां की पुलिस के पैरों तले भी जमीन खिसक गई। क्योंकि जिन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था ये कोई साधारण लूटेरे नहीं बल्कि वो गैंगस्टर निकले जिन्होंने सालों से कई राज्यों की पुलिस के नाम में दम कर रखा था। 

एसपी कांगड़ा की मानें तो ये आरोपी जम्मू के कठुआ, कश्मीर के संभा सेक्टर, श्रीनगर के बड़गांव के रहने वाले थे जिनमें से कुछ को उनके घर से तो कुछ को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार किये गये आरोपियों के पास से 2 पिस्टल, एम्युनेशन के साथ साढ़े तीन से चार किलो चांदी वरामद कर लिया है जबकि सोना और अन्य सामान अभी रिकवर करना बाकि है, फिलहाल पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है और जल्द ही बाकि का सामान भी बरामद कर लिया जायेगा।  

पकड़े गए आरोपियों में विशाल वर्मा, राकेश कुमार उर्फ टोनी, सन्नी शर्मा, प्रिंस कपूर ये तमाम आरोपी जम्मू और कश्मीर के रहने वाले हैं। इन चारों आरोपियों पर कई जघन्य अपराधों में शामिल होने के आरोप हैं, साथ ही ये चारों अन्तर्राज्यीय गैंगस्टर टीमों के भी सदस्य हैं जो कि हैदराबाद समेत कई जगहों से भी ऑपरेट होती हैं। फिलहाल ये चारों पुलिस की गिरफ्त में है और इनसे पूछताछ जारी है, पूछताछ के बाद और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।