जहां एक तरफ हमीरपुर में बच्ची की मौत का शौक खत्म नहीं हुआ है. वहीं, नादौन शहर में लावारिस कुत्तों द्वारा राहगीरों को काटने की घटनाओं के कारण लोगों में भय व्याप्त है. इन लावारिस कुत्तों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि हर गली मोहल्ले में इनके झुंड घूमते हुए देखे जा सकते हैं.
लोगों ने प्रशासन से ऐसे लावारिस कुत्तों की संख्या पर लगाम कसने के लिए इनकी नसबंदी करने की मांग की है . गत सोमवार रात्रि को भी ऐसी ही एक घटना सामने आई. जब एक व्यक्ति खाना खाने के उपरांत अपने घर से टहलने के लिए बाहर सड़क पर निकला और कुत्तों के झुंड ने उस पर अचानक हमला बोल दिया जिसके कारण वे व्यक्ति लहूलुहान हो गया.
स्थानीय लोगों की मदद से बड़ी मुश्किल से कुत्तों के झुंड से उसे छुड़ाया गया. इसके उपरांत लोगों की सहायता से स्थानीय नागरिक अस्पताल में उपरोक्त व्यक्ति का उपचार करवाया गया. शहरवासियों का कहना है कि इन लावारिस कुत्तों से स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों के अभिभावक डरे रहते हैं कि वे उन्हें स्कूल छोड़ने तथा वापस लाने के लिए खुद साथ जाते हैं.
लोगों का कहना है कि सरकार तथा कानून के अनुसार अब ऐसे जानवरों को जान से मारना कानूनी अपराध करार दे दिया गया है. नादौन के घरों के पास मादा कुत्तों ने बच्चे दे रखे हैं और ऐसे मादा कुत्ते मनुष्य को देखते ही हमलावर हो जाते है.
परंतु अब इस तरह बढ़ रही लावारिस कुत्तों की संख्या पर अंकुश लगाने का एक ही तरीका है कि मादा कुत्तों की नसबंदी ऑपरेशन पशु अस्पतालों के सौजन्य से किए जाएं. लोगों में नीरज कुमार सोनू प्रदीप वेद प्रकाश संजीव राजीव आदि का कहना है कि यदि स्थानीय प्रशासन ने इस ओर उचित कदम नहीं उठाए.
तो आने वाले समय में हाल ही में हमीरपुर में आवारा कुत्तों द्वारा एक नन्हीं बच्ची को नोट कर मार डालने वाली ऐसी ही घटना यहां भी हो सकती है. जब इस बारे उपमंडल अधिकारी नादौन विजय धीमान से बात की. तो उन्होंने कहा कि समस्या उनके ध्यान में लाई गई है . नगर पंचायत तथा वेटरनरी विभाग के सौजन्य से इस ओर उचित कदम उठाए जाएंगे.