जिला कांगड़ा के पालमपुर में एक 14 साल छात्र की मौत का मामला सामने आया है। छात्र की मौत को लेकर परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार पर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि बच्चे को एक महीने के भीतर कोविड के दो टीके लगाए गए थे। जिसके बाद बच्चे को तेज बुखार हुआ। बीमार होने पर वे बच्चे पालमपुर अस्पताल लेकर गए थे। लेकिन वहां बच्चों का डॉक्टर न होने के चलते अस्पताल वालों ने पर्ची बनाने से भी इंकार कर दिया। इसके बाद परिजन बच्चे को निजी अस्पताल ले गए लेकिन निजी अस्पताल ने बच्चे को टांडा रेफर कर दिया।
बुधवार को टांडा अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। हैरानी की बात तो ये है कि परिजनों को भी इस बात का पता नहीं चल पाया कि उनके बच्चे को क्या बीमारी थी। वहीं, मेडिकल कॉलेज टांडा में बच्चे की मौत के बाद परिजनों को ये कह दिया गया आपके बेटे को ब्लड कैंसर था। लेकिन अब परिजन सरकार पर ये आरोप लगा रहे हैं कि बच्चे को एक महीने के भीतर कोविड के दो टीके लगाने की सरकार की ऐसी क्या मजबूरी थी। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अब सरकार और स्वास्थ्य विभाग बच्चे को कोविड टीका लगाने की जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रहा।
धर्मशाला, 16 मई: जिला निर्वाचन अधिकारी डीसी हेमराज बैरवा ने कहा कि सभी मतदान दल…
धर्मशाला, 16 मई: सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल-2 धर्मशाला ने बताया कि 18 मई, 2024 (शनिवार)…
आबकारी विभाग ने लोकसभा निर्वाचन के दृष्टिगत गत दो सप्ताह के भीतर जिला सिरमौर, सोलन,…
केलांग 16 मई : जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के दारचा से आगे बारालाचा दर्रा लेह…
कुल्लू: भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने कांग्रेस नेताओं को उनके पाकिस्तान समर्थित बयान के लिए…
हिमाचल प्रदेश को भले ही शांत राज्य माना जाता हो, लेकिन यहां भी अब लगातार…