अंगूठी कांड में मंडी एस.पी. शालिनी अग्निहोत्री और महिला थाना प्रभारी रीता और उनके स्टाफ जाँच के कठघरे में आ सकते हैं। कथित रूप से प्रताड़ित सफाई कर्मी सुनीता ने अब न्याय के लिए हिमाचल प्रदेश डी.जी.पी. और पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष जस्टिस पी.एस. तेजी (रि.) का दरवाजा खटखटया है।
आपको बता दें सुनीता ने कथित प्रताड़ना, मारपीट और गालीगलौच के चलते आत्महत्या का प्रयास किया था। कर्मी पर मंडी एस.पी. शालिनी अग्निहोत्री ने अँगूठी चोरी का आरोप लगाया था।
सुनीता के पति विनोद ने शालिनी अग्निहोत्री के खिलाफ विभागीय जांच व एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही की मांग करते हुए जस्टिस पीएस तेजी (रि), भारतीय गृह मंत्रालय, हिमाचल प्रदेश राज्यपाल, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग अध्यक्ष, महिला आयोग अध्यक्ष और मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष सहित हिमाचल प्रदेश डी.जी.पी. को लिखित शिकायत पत्र प्रेषित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
वही पीड़ित महिला सुनीता द्वारा भी प्रदेश के डी.जी.पी. को ऑनलाइन शिकायत प्रेषित कर मारपीट, गालीगलौच व प्रताड़ित किए जाने का बयान की प्रतियां व वीडियो सलग्न करते हुए उल्लेख किया है कि बी.एस.एल. थाना पुलिस के थाना प्रभारी राजकुमार व कर्मी दिनेश द्वारा बयान नोट किए जाने के उपरांत भी पुलिस द्वारा कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
14 तारीख गुम हुई थी अंगूठी, 23 को एस.पी. ने अपने दफ्तर किया तलब
पीड़िता का कहना है कि 3 अगस्त से 17 अगस्त तक वह एस.पी. के घर ड्यूटी पर थी । घर मे तैनात अन्य कर्मियों ने उसे बताया कि अंगूठी 14 तारीख को गुम हुई । जिस पर एस.पी. ने उसे 7 दिन उपरांत 23 तारीख को 10.25 पर अपने कार्यलय तलब होने के लिए पुलिस लाइन में संदेश भेजा जिस पर वह एस.पी. कार्यलय पहुच गई। जहा पर महिला थाना प्रभारी रीता, एक कॉन्स्टेबल व ड्राइवर भी पहुचे।तदुपरांत उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए एस.एच.ओ. को उसे थाने ले जाने व कड़ाई से पूछताछ के निर्देश दिए।