मां चिंतपूर्णी मंदिर के विकास के लिए 56.26 करोड़ की स्वीकृति, तीर्थयात्रियों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं

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  • मां चिंतपूर्णी देवी मंदिर के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 56.26 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी।
  • पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत मंदिर परिसर में क्यू-कॉम्प्लेक्स, आरओ प्लांट, एलईडी लाइटिंग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सुविधाएँ विकसित होंगी।
  • सरकार के अनुसार, यह परियोजना श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

PRASAD Scheme Temple Development: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित माँ चिंतपूर्णी देवी मंदिर के विकास कार्यों को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत 56.26 करोड़ रुपये (5626.29 लाख रुपये) की राशि स्वीकृत की गई है। इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत योजनाओं और अनुमानों के आधार पर स्वीकृति दी गई है। केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति (CSMC) ने 5 मार्च 2025 को आयोजित अपनी बैठक में इस परियोजना को अंतिम रूप दिया।

परियोजना के तहत मंदिर परिसर में तीर्थयात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसमें 9858 वर्गमीटर क्षेत्र में फैले क्यू-कॉम्प्लेक्स, आरओ प्लांट और स्वच्छ जल सुविधा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एलईडी लाइटिंग और पवित्र अपशिष्ट से हवन सामग्री निर्माण का मार्ग शामिल है। क्यू-कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर 4107.02 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी। मंदिर परिसर में पेयजल सुविधा हेतु आरओ प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिस पर 21.10 लाख रुपये खर्च होंगे।

परियोजना के अंतर्गत स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए 50 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन डिब्बे लगाए जाएंगे, साथ ही क्यू-कॉम्प्लेक्स और बाहरी हिस्सों में एलईडी लाइटिंग लगाई जाएगी, जिससे मंदिर परिसर रात में और अधिक भव्य दिखेगा। इसके अलावा, मंदिर क्षेत्र में एक डीजी सेट और सीएसएस सिस्टम भी स्थापित किया जाएगा, जिससे निरंतर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

परियोजना की कुल लागत 5626.29 लाख रुपये तय की गई है, जिसमें जीएसटी (823.36 लाख रुपये), आकस्मिक व्यय (137.23 लाख रुपये) और परामर्श शुल्क (91.48 लाख रुपये) भी शामिल हैं। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस स्वीकृति पत्र के साथ कोई निधि तुरंत जारी नहीं की जाएगी। निधि स्वीकृति पत्र के अनुच्छेद 9 में उल्लिखित शेड्यूल के अनुसार चरणबद्ध तरीके से जारी की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार का मानना है कि इस परियोजना के पूर्ण होने से माँ चिंतपूर्णी मंदिर एक आधुनिक, सुविधाजनक और पर्यावरण-अनुकूल धार्मिक स्थल के रूप में विकसित होगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा