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मंडी में 1317 राहत किट वितरित, कांगड़ा डीसी ने रेड अलर्ट के निर्देश दिए

➤मंडी में 1317 राहत किट वितरित की गईं
➤मुख्यमंत्री ने युद्धस्तर पर राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
➤कांगड़ा डीसी हेमराज बैरवा ने बरसात के रेड अलर्ट को लेकर सख्त हिदायतें दीं



मंडी/शिमला/धर्मशाला। प्रदेश सरकार ने मंडी जिले में आपदा प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने की रफ्तार तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित इलाकों में युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री स्वयं हालात पर निगरानी रख रहे हैं और उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से हर आवश्यक सहायता दी जाएगी।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अमल करते हुए मंडी प्रशासन ने 4 जुलाई, 2025 तक 1317 खाद्य सामग्री किट वितरित कीं। प्रत्येक किट में 5 किलो आटा, 5 किलो चावल, एक लीटर खाद्य तेल, एक किलो नमक, एक किलो चीनी, दो किलो दाल, 100 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम मिर्च पाउडर, और 100 ग्राम चाय शामिल हैं।

इधर, कांगड़ा जिले में लगातार हो रही बारिश और रेड अलर्ट के चलते कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने रविवार को जिला अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के दौरान किसी भी तरह के जानी और माली नुकसान को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि नदी-नालों और जोखिम भरे स्थानों से दूर रहें।

उन्होंने कहा कि हाल ही की मनूनी खड्ड दुर्घटना और प्रदेश में हुए नुकसान को देखते हुए जिला प्रशासन को मशीनरी और मैनपावर तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेंगे।

कांगड़ा उपायुक्त हेमराज बैरवा ने समस्त एसडीएम, एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि भूस्खलन की आशंका वाले मार्गों और पुलों पर आवाजाही तुरंत बंद की जाए और जहां संभव हो, वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने बताया कि रविवार को दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर मैकलोडगंज में यातायात बढ़ने की आशंका है। इसके चलते धर्मशाला–मैकलोडगंज मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी संस्थानों में दवाइयां और खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें। उपायुक्त ने पौंग डैम प्रबंधन को कहा कि यदि डैम से पानी छोड़ा जाए तो उसकी पूर्व सूचना निचले इलाकों को समय पर दी जाए और फ्लड संभावित पंचायतों में हूटर व डेंजर जोन की चेतावनी प्रणाली तुरंत स्थापित की जाए।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार, मुख्य अभियंता जल शक्ति, लोक निर्माण, विद्युत विभाग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एसडीएम धर्मशाला, कांगड़ा, ज्वाली, होमगार्ड, एसडीआरएफ समेत सभी जिला अधिकारी मौजूद रहे।