Categories: हिमाचल

कुल्लू में एक ऐसा वार्ड जहां नहीं पहुंच रही शिक्षा की अलख, 19 बच्चे सर्व शिक्षा अभियान से दूर

<p>प्रदेश में हर घर में बच्चों को शिक्षा मिले इसका नारा हर सरकारी मंच से नेताओं द्वारा दिया जाता है। वही बड़े-बड़े आंकड़े भी पेश किए जाते हैं कि कोई भी बच्चा निरक्षर ना रहे और सरकार उनकी शिक्षा पर इतना करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन यह दावा जिला कुल्लू की 1 ग्राम पंचायत में हवा होता नजर आ रहा है। जिला कुल्लू की ग्राम पंचायत जिया के वार्ड 1 में इस दावे की हकीकत पता चलती है। जब वार्ड में स्कूल जा रहे बच्चों के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि अकेले ही सिर्फ इस वार्ड में 19 ऐसे बच्चे हैं जो गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। गरीबी के कारण इन बच्चों ने आठवीं के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया। इन 19 बच्चों में 11 लड़कियां तो 8 लड़के शामिल है। वहीं सभी बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखते हैं।</p>

<p>ऐसे में सरकार और प्रशासन का शिक्षा के अधिकार के तहत दी जाने वाली सुविधाओं के दावे यहां साकार होते नजर नहीं आ रहे हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रधानाचार्य हेमराज शर्मा व अन्य शिक्षकों ने जब इस वार्ड का दौरा किया तो यह हकीकत सामने आई। वहीं स्कूल के शिक्षकों ने इन सभी बच्चों के अभिभावकों से भी बात की और बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया। तब जाकर अब अभिभावक अपने बच्चों को एक बार फिर से स्कूल भेजने के लिए तैयार हुए है।</p>

<p>गौर रहे कि भुंतर स्कूल के शिक्षक आस-पास के गांव में जाकर ऐसे बच्चों की खोज करने में लगे हुए हैं जिन बच्चों ने गरीबी के कारण स्कूल छोड़ दिया था और उनके अभिभावकों ने स्कूल भेजने में असमर्थ हैं। इससे पहले भी भुंतर स्कूल में 4 ऐसे बच्चों को गोद लिया गया है जिनमें 3 लड़कियां शामिल है। उन सभी बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर अन्य खर्चों को स्कूल के शिक्षकों द्वारा ही उठाया जा रहा है। ताकि वे बच्चे पढ़ लिख कर आत्मनिर्भर हो सकें।</p>

<p>भुंतर स्कूल के प्रधानाचार्य हेमराज शर्मा ने बताया कि स्कूल के शिक्षक मिलकर साथ लगते गांव में जाकर ऐसे बच्चों की खोज कर रहे हैं। जिनका किन्हीं कारणों से स्कूल छूट गया था। वे अब उन्हें दोबारा से स्कूल में भर्ती कर रहे हैं ताकि बच्चे पढ़ लिख कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि स्कूल में तैनात शिक्षक मिलकर इन सभी बच्चो की पढ़ाई का खर्च वहन करेंगे।</p>

<p>वहीं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कमला ने बताया कि उन्होंने इस वार्ड का जब द्वारा किया तो उन्होंने पाया कि यहां 19 बच्चे ऐसे हैं। जो गरीबी के चलते स्कूल नहीं जा पा रहे थे तो ऐसे में स्कूल के प्रधानाचार्य को इसकी सूचना दी गई। अब एक बार फिर से यह बच्चे स्कूल जा कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे</p>

<p>&nbsp;ग्राम पंचायत पंच वार्ड नंबर 1 की सबीना का कहना है कि यहां पर काफी गरीब परिवार रहते हैं जो अपने बच्चों के शिक्षा का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं है। लेकिन अब एक बार अभिभावकों से शिक्षकों द्वारा बात की गई है और अभिभावक भी अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हो गए हैं। तो ऐसे में जैसे ही स्कूल खुलेंगे तो इन बच्चों को दोबारा से स्कूल में एडमिशन करवाई जाएगी।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

“JOA IT पदों पर चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी, इतने को मिली नियुक्ति”

  Shimla: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने राज्य चयन आयोग की सिफारिशों के आधार…

7 hours ago

अतिक्रमण एक रात का नहीं, सुक्खू सरकार से पहले हुआ अवैध निर्माण: कुलदीप

  Shimla : हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर विधानसभा की ओर से कमेटी…

7 hours ago

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हमीरपुर में ‘कायाकल्प’ अभियान से बदल रही है शहर की तस्वीर

  Hamirpur: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिले के मुख्यालय हमीरपुर शहर की…

8 hours ago

राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है सरकार: बाली

  टांडा मेडिकल कालेज भी स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर नए आयाम कर रहा स्थापित विश्व…

8 hours ago

प्रमोशन लिस्ट के इंतजार में कई शिक्षक बिना प्रिंसिपल बने होंगे रिटायर

  वर्तमान में प्रिंसिपल के 500 पद है खाली लेक्चरर्स की 90:10 की मांग का…

9 hours ago

अनुष्का दत्ता पहुंची मिस यूनिवर्स इंडिया-2024 के फाइनल में, हिमाचल की पहली प्रतिभागी

  Shimla: रोह‍डू की रहने वाली 22 वर्षीय अनुष्का दत्ता मिस यूनिवर्स इंडिया 2024 प्रतियोगिता…

9 hours ago