<p>हिमाचल प्रदेश में पक्षियों की 257 नई प्रजातियों की पहचान कर ली गई है जोकि देश में पहचानी गए नए पक्षी संपदा की 52 फीसदी है और यह पक्षी सूचि में एक रिकॉर्ड इजाफ़ा है। प्रदेश की चेक लिस्ट में अब कुल 657 पक्षी प्रजातियां हैं जबकि पुरानी लिस्ट में केवल 400 थे। इस बात का खुलासा हिमाचल प्रदेश के वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यापाल वन्यप्राणी डॉ आर सी कंग ने किया है।</p>
<p>प्रदेश वन विभाग की कड़ी मेहनत रंग लाई है और पक्षियों की 257 नई प्रजातियों को पहचान कर चेकलिस्ट में शामिल कर दिया गया है जोकि देश की कुल नई पक्षी सम्पदा का 52 फीसदी है। इस हिमालय क्षेत्र की यह कूदरती विरासत प्रदेश में आने वाले पर्यटक, पक्षी प्रेमियों और प्रकृतिप्रेमियों के लिए एक अनूठी देन है जिस का उपयोग प्रदेश के पर्यटन विस्तार एंड ग्रामीण इलाके में युवा रोजगार के लिए किया जा सकता है, यह बात प्रदेश के प्रधान मुख्य आरण्यापाल वन्यप्राणी डॉ आर सी कंग ने कही है।</p>
<p>इस बार सराहन फिसेंटरी में वेस्टर्न ट्रैगोपैन के आठ बच्चे पैदा हुए। इन में से तीन मशीन-हटचिंग से और पांच बच्चे मादा जूजूराना ने पैदा किये। यह एक रिकॉर्ड है और सभी आठ चूजे स्वस्थ हैं। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह आने वाले वक्त में प्रदेश की वन्य जीव सम्पदा के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।</p>
<p>पर्यटन के क्षेत्र में यह एक नए आयाम 'पक्षी पर्यटन ' ज्यादा विकसित कर सकता है। हिमाचल प्रदेश में पक्षी की प्रजातियों में विविधता और तादाद की बढ़ोतरी का होना, पर्यावरण की समृद्धि का सूचक है और पंखो वाले इन सुन्दर जीवों का कम होना, मानव जाति के लिए भी खतरे की घंटी है।</p>
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