व्यास नदी के रौद्र रूप धारण करने से घर छोड़ने को मजबूर हुए ज़िले के पडोह कस्बे के 40 परिवारों ने अपने घर छोड़ दूसरों के घरों में गुजारी रात। प्रवासी मजदूरों को नहीं मिला ठिकाना। छ्जे के नीचे भूखे प्यासे रात गुजारते हुए देखे गये । सबको उम्मीद थी कि सोमवार को पानी से राहत मिलेगी। मगर 11 बजे फिर पडोह डैम का पानी बाजार में भरने लगा है।
पीड़ित लोगों में दहशत का माहौल है। सभी पीड़ित लोगों बीबीएमबी व जिला प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा। रविवार 4 बजे से मोबाइल बंद है। बिजली गुल है। लोगों को रोजी रोटी के लाले पड़े हैं। उधर एक होटल में दरारें आने से खतरा और बढ़ गया। न्यु डियर होटल खाली करवा दिया गया । इनकी एक बोलेरो भी पिछ्ले कर ब्यास में डूब कर तबाह हो गई है। घरों में पानी ही पानी होने से 3 परिवारों के 16 सदस्य किसी दूसरे के घर रह रहे हैं।
उधर जगपाल सिंह, पपला के आरा मशीन डूब कर क्षतिग्रस्त हो गई है। इनकी इलेक्ट्रॉनिक का सारा सामान वाशिंग मशीन। फ्रिज आदिका 10 लाख का नुक़सान हुआ हुआ। ओमप्रकाश करयाना स्टोर रोते हुए बयां कर रही था कि उसका 15 लाख से ज्यादा नुक्सान हुआ है। अजय पानियों जो फास्ट फूड की दूकान करता था उसके 2 फीरज, 2 सिलेंडर सहित 3 लाख सवाह हुए हैं।
संतोख सिंह एंड सन्ज के राशन स्टोर में पानी भर जाने से लाखों की तबाही हुई है। रोहित वर्मा की आरा मशीन व घर के साथ दूकान में ब्यास के पानी में जलमग्न है। लाखों का नुक़सान हुआ है। राजेन्द्र इलेक्ट्रॉनिक को 20 लाख से ज्यादा नुक्सान हुआ है। माई शाप के गुरबचनसिंह की कपड़े की दूकान पुरी तरह से पानी पानी हो गई।
नेत्र पाल का 2 मंजिल मकान और इलेक्ट्रॉनिक की दूकान जलमग्न है। लाखों का नुक़सान है। राधा कृष्ण वर्मा का मकान व दूकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। बी आर सकलानी, पप्पू कपड़ा स्टोर ,प्रकाश शर्मा करीयना स्टोर, तीर्थ कपड़ा स्टोर, युगल करियाना स्टोर,रमेश की स्टोर, सैणी ्टी सटोल, सहित दर्जनों दूकानदार तबाही की कगार पर है। 4 मकान जमींदोज हुए हैं। गोपाल टैलर, ज्योति करयाना स्टोर,बाटू जनरल स्टोर,सैणी की, सोनी गारमेंट्स को भी भारी नुक्सान हुआ है। हर ओर तबाही ही तबाही है। सहारा देने वाला कोई नहीं है। न तो सरकार और ना ही जिला प्रशासन पडोह पीड़ितों के आंसू पौंछ पाए हैं।