हिमाचल

क्या सीएम के गृह जिला से सेंध लगा पाएगी AAP? भाजपा-कांग्रेस की बढ़ी धुकधुकी!

हिमाचल में धमाकेदार एंट्री के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में आम आदमी पार्टी पहला रोड शो करने जा रही है. दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय से हिमाचल के राजनीतिक गणित को समझने के लिए प्रदेश में ही डेरा डाले हुए हैं. वहीं, हिमाचल में फिलहाल भाजपा की सरकार है, जिसका कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को पूरा होने वाला है. ऐसे में सभी सियासी पार्टियों के पास अब करीब 6 महीने का ही समय शेष हैं.

रोड  शो के जरिए AAP का शक्ति प्रदर्शन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बुधवार को मंडी में सुबह 11 से एक बजे तक दो घंटे रुककर चुनावी हुंकार भरेंगे. जनसभा का आयोजन पड्डल के बजाय अब सेरी मंच पर होगा. जहां करीब पांच हजार लोगों की क्षमता ही है. रोड शो विक्टोरिया पुल से सेरी मंच तक होगा.

हिमाचल में पंजाब की जीत का असर
हिमाचल प्रदेश के मंडी में कल यानी 6 अप्रैल को आम आदमी पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल रैली करने वाले हैं. एक तरह से यह हिमाचल प्रदेश में दिसंबर में होने वाले चुनाव का शंखनाद है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की भारी बहुमत के साथ हुई जीत का असर हिमाचल में साफ तौर दिखाई देने लगा है. भले ही अब भाजपा और कांग्रेस इस मुद्दे पर एक सुर में कह रहे हों कि आप का हिमाचल में कोई वजूद नहीं है.

भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज थाम सकते हैं AAP का दामन
पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और नेताओं ने दिल्ली पहुंचकर आप का दामन थामा है. रैली से पहले मंडी में भी कई कांग्रेस के कार्यकर्ता सत्येंद्र जैन की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. आम आदमी पार्टी की सक्रियता को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां सतर्क हो गई हैं. क्यों कि सुगबुगाहट ये है कि मंडी में होने वाली रैली में भाजपा और कांग्रेस ने दिग्गज अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बड़े नेता अरविंद केजरीवाल के संपर्क में हैं. अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस और भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है.

पंजाब से सटे जिलों पर फोकस
आम आदमी पार्टी ऐलान कर चुकी है कि हिमाचल में सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी का हिमाचल के ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर और सोलन जिलों पर फोकस है. इसकी वजह ये है कि ये सभी इलाके पंजाब से लगते हैं. वहीं पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार बन चुकी है, इसका असर पड़ोसी राज्य के इन इलाकों में देखने को मिल सकता है. उधर कांगड़ा जिले में ही राज्य की सबसे ज्यादा 15 विधानसभा सीटें आती हैं.

आसान नहीं पहाड़ का रास्ता
हालांकि हिमाचल में आम आदमी पार्टी के लिए नए सियासी विकल्प के तौर पर सफलता पाना आसान नहीं है. पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपरिपक्व संगठनात्मक ढांचा है. 52 लाख से ज्यादा वोटरों वाले राज्य में पार्टी के पास सिर्फ 2.25 लाख सदस्य हैं. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को चारों सीटों पर मात्र 2.06 फीसदी वोट ही मिले.

Balkrishan Singh

Recent Posts

शिमला में महिला के साथ बैंक कर्मी ने की धोखाधड़ी, ₹5,238 की किस्त कटने पर हुआ खुलासा

  Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बैंक कर्मी ने महिला खाता धारक के…

3 mins ago

शिक्षकों के विदेश दौरे के बनाए नियम, 100% रिजल्ट देने वाले होंगे योग्य

  शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के विदेश दौरे को लेकर…

30 mins ago

खेलों से युवाओं को नशे से दूर रखना होगा संभव: कुलदीप सिंह पठानिया

  मलकवाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय जूनियर कुराश चैंपियनशिप का समापन नूरपुर: हिमाचल प्रदेश विधानसभा…

1 hour ago

हिमाचल स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी: सुझावों के लिए कमेटी ने खोला रास्ता, 4 नवंबर को अगली बैठक

  शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक समुचित नीति तैयार करने को…

4 hours ago

पुलिस कांस्टेबल भर्ती के आवेदन शुरू, 31 अक्टूबर आखिरी तारीख

Shimla: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पुलिस कांस्टेबल के 1088 पदों को भरने के लिए विज्ञापन…

5 hours ago

चरखी दादरी में CM सुक्खू : कांग्रेस की लहर, भाजपा को मिलेगी शिकस्त

  Chandigarh: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हरियाणा के चरखी दादरी में…

5 hours ago