कृषि सचिव सी पालरासू ने यहां बताया कि प्रदेश में गेहूं के बीज का उत्पादन बढ़ाने के दृष्टिगत विभाग द्वारा इस वर्ष 800 क्विंटल प्रजनक बीज राज्य के विभिन्न जिलों में आवंटित किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूं के प्रजनक बीज का मूल्य 7050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जिसे विभाग के अपने फार्मों व पंजीकृत किसानों को वितरित किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त गेहूं के प्रमाणित बीज पर राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनुदान दिया जा रहा हैै। राज्य में किसानों की आर्थिकी को देखते हुए इस वर्ष लगभग 600 क्विंटल प्रजनक बीज किसानों में वितरित किया जा रहा है.
प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं के प्रजनक बीजों पर 3000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनुदान देने का फैसला लिया गया है, जिसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 200 क्विंटल प्रजनक बीज ज़िलों में स्थित विभागीय फार्मों में उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से किसानों में बीज उत्पादन के प्रति और ज्यादा जागरूकता आएगी व इससे प्रदेश में बीज उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि निदेशक कुमद सिंह ने बताया कि प्रदेश में अधिकतर किसान लघु एवं सीमान्त हैं। कृषि व्यवसाय की सफलता व पैदावार बहुत कुछ उच्च गुणवता बीजों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। प्रदेश मे उत्तम बीजों की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद अधिकतर नौजवान कृषि से जुड़े हैं। विभाग खाद्यान्नों इत्यादि के बीजों को प्रदेश में ही उत्पादित कर किसानों को वितरित करने की ओर आत्मनिर्भर हो रहा है।
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