AkshayNavami2024: अक्षय नवमी का पर्व इस वर्ष 10 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को इस व्रत का आयोजन होता है, जिसमें आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन को आंवला नवमी, कुष्मांडा नवमी, और धात्री नवमी के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय नवमी के दिन विशेष रूप से आंवले के पेड़ के पास जाकर उसकी पूजा की जाती है, और पेड़ की सात बार परिक्रमा कर धागा बांधते हैं। मान्यता है कि इस व्रत से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन का शुभ मुहूर्त प्रातः 06:39 बजे से दोपहर 12:04 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए सर्वोत्तम है। साथ ही अन्य शुभ मुहूर्त जैसे ब्रह्म मुहूर्त, अभिजित मुहूर्त, और विजय मुहूर्त में भी पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। राहुकाल का समय 16:08 बजे से 17:29 बजे तक है, इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित है।
पूजा विधि के अनुसार, प्रातःकाल स्नान करके पूजा का संकल्प लें। आंवले के पेड़ के पास पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करें और पेड़ की सात बार परिक्रमा कर धागा लपेटें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें और कपूर से आरती करें। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने और गरीबों को भोजन कराने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
अक्षय नवमी का महत्व भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए माना गया है। आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है, और उनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
मंडी निवासी अभिषेक अवस्थी आस्ट्रेलिया के ग्रेटर बेंडिगो शहर में काउंसलर चुने गए, ऐसा करने…
Himachal Power Projects and Water Cess Issues: शिमला में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह…
Self-Immolation Warning Transport Pensioners: हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच की बैठक हमीरपुर में आयोजित…
Hamirpur Medical College Police Outpost: हमीरपुर के डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज के परिसर में पुलिस…
65वीं राज्य स्तरीय अंडर 19 छात्र छात्राओं की खेलकूद प्रतियोगिता सिंथेटिक ट्रैक अणु में…
Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में अगले 72 घंटे तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान…