तीन दिन तक हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र में आपदा पर चली चर्चा के बाद आज चौथे दिन पिछली सरकार द्वारा ज्यादा कर्ज और फिजूलखर्ची को लेकर सदन में श्वेत पत्र रखा।
सदन के पटल पर वीरवार को श्वेत पत्र पर वक्तव्य देते हुए उप- मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने चुनाव जीतने के लिए धन का जमकर दुरुपयोग किया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए पूर्व सरकार ने चक्रव्यूह रचा और अमृत महोत्सव, प्रगतिशील हिमाचल, जनमंच तथा स्थापना दिवस कार्यक्रम पर 16261 करोड़ की फिजूलखर्ची की।
नतीजा यह हुआ कि हिमाचल पर वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 92,774 करोड़ का कर्ज व देनदारी चढ़ चुकी थी। पिछली सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव जीतने के लए पूर्व सरकार ने वित्तीय अनियमिताएं बरती गई। जिस पर उप मुख्यमंत्री की कमेटी में श्वेत पत्र लाया गया है। जिसके मुताबिक कर्मचारियों के लिए 10,600 करोड़ रुपए के संशोधित वेतन व महंगाई भत्ते का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसके एरियर का भुगतान नहीं किया। 10 हजार करोड़ वेतन और 600 करोड DA का पेंडिंग है। हिमाचल की स्थिति अब ये हो गई कि पुराना कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पड़ रहा है।
राज्य को इस वक्त कर्ज अदायगी के लिए 9048 करोड़ रुपए चाहिए। कर्ज चुकाने को 3486 रुपए और ब्याज के भुगतान के लिए 5262 करोड़ रुपए की जरूरत है। कुल मिलाकर कर्ज का 9048 करोड़ कर्ज व ब्याज में देना है।
सार्वजनिक क्षेत्र के 23 में से 13 उपक्रम 5000 करोड़ के घाटे में चल रहे है। फोन टेपिंग के विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नही बल्कि केन्द्र सरकार द्वारा फोन टेपिंग की आशंका है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 2017 में राज्य पर 47,906 करोड़ रुपए का कर्ज था। जब BJP सरकार की सत्ता से विदाई हुई, तो कर्ज बढ़कर 76630 करोड़ रुपए हो गया।
उधर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने बताया कि सरकार कर्ज को लेकर विपक्ष पर झूठे आरोप लगा रही है। हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति किसी से छिपी नही है। हर सरकार को प्रदेश चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। यदि सरकार इतना काम कर रही है तो सुक्खू कर्ज लिए बिना सरकार चलाए। फोन टेपिंग पर जय राम ठाकुर ने कहा की सरकार उनके फोन टेपिंग कर रही है जो बर्दास्त नही होगा। सुक्खू सरकार ये गलत परम्पराएँ शुरू कर रही है।
इस दौरान भाजपा विधायकों द्वारा वेल में आकर नारेबाजी करने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में निंदा प्रस्ताव रखा। सभी कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव का समर्थन किया।
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…
NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…
Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…
Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…
Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…