हिमाचल प्रदेश का छोटी काशी के रूप में विख्यात मंडी शहर देव ध्वनि से गूंजायमान हो गया है। यह भव्य नजारा अब दस दिन तक चलता रहेगा। मंडी में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2 मार्च से आरंभ होगा जिसके लिए पूरे जिले की सभी घाटियों से ग्रामीण देवी देवताओं की पालकियां हजारों देवलुओं के साथ छोटी काशी पहुंचती हैं। बड़ा देव कमरूनाग के मंडी पहुंचने पर देवी देवताओं का आना शुरू होता है। सोमवार को बड़ा देओ कमरूनाग दोपहर बाद मंडी शहर पहुंच गए और इसके साथ ही दर्जनों अन्य देवी देवताओं ने भी नाचते गाते सैंकड़ों देवलुओं व देव ध्वनि के साथ शहर में प्रवेश किया।
बड़ादेव कमरूनाग के शुभ आगमन के साथ मंडी नगर में देव आस्था के महासमागम शिवरात्रि महोत्सव-2022 के कारज शुरू हो गए हैं। मेले में सम्मिलित होने के लिए बड़ादेव कमरूनाग सोमवार को मंडी पधारे। बड़ादेव के अलावा छह और देवी-देवता भी सोमवार को छोटी काशी पहुंचे। शिवरात्रि महोत्सव के आनंद में भावविभोर मंडी नगर देव ध्वनियों की दिव्य गूंज से तरंगित दिखा। मंगलमय संगीत के मध्य देवी-देवताओं के आगमन से मंडी नगर में पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। अपने ईष्ट देव-देवियों के दर्शन और उनका आशीर्वाद लेने के लिए नगर में जन सैलाब सा उमड़ रहा था।
सबसे पहले पुलघराट के पास जिला प्रशासन की ओर से जिला राजस्व अधिकारी राजीव सांख्यान, तहसीलदार डॉ गणेश ठाकुर और सर्व देवता समाज समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा सहित महोत्सव स्वागत समिति के सभी सदस्यों ने बड़ादेव कमरूनाग का स्वागत किया। वहां से देव कमरूनाग राज माधोराय मंदिर पहुंचे, जहां उपायुक्त मंडी एवं अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अरिंदम चौधरी ने बड़ादेव का स्वागत किया।
उसके बाद देव कमरूनाग ने माधोराय मंदिर में माथा टेका। वहां से बड़ादेव देवलुओं संग राजमहल पहुंचे, जहां राजपरिवार के सदस्यों ने पारंपरिक विधि विधान से उनका स्वागत किया। बड़ादेव के बाद शुकदेव ऋषि शारटी, शुकदेव ऋषि थट्टा, देवी बगलामुखी बाखली व देवी बुढी भैरवा, देव बुढा बिंगल व बजीर झाथी वीर ने राज माधो राव मंदिर में उपस्थिति दर्ज करवाई। वहां से सभी देवता देवलुओं के साथ अपने ठहरने के तय स्थानों को गए।