Follow Us:

बलदेव चंद अमर रहें – शहादत पर गूंजे नारे, नम आंखों से विदाई


डुडु-बसंतगढ़ में आतंकियों से मुठभेड़, हिमाचल के लांस दफादार बलदेव चंद शहीद
पैतृक गांव पहुंचे पार्थिव शरीर, सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
मुख्यमंत्री ने शहादत को किया नमन, परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन


जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते वीरगति को प्राप्‍त हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के थेह गांव निवासी लांस दफादार बलदेव चंद आज अपने पैतृक गांव में पंतचतत्‍व में विलीन हो गए। नम आंंखों से हिमाचल के सपूत को विदाई दी गई।   बता दें कि दुर्गम इलाके डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र के सेओज धार वन क्षेत्र में शुक्रवार देर रात शुरू हुई मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के थेह गांव निवासी लांस दफादार बलदेव चंद शहीद हो गए थे । यह मुठभेड़ रात करीब 8 बजे शुरू हुई, जब सेना और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की संयुक्त टीम इलाके में तलाशी अभियान चला रही थी। तभी आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसी गोलीबारी में बलदेव चंद गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा दी गई, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

बलदेव चंद 4 राष्ट्रीय राइफल्स में लांस दफादार के पद पर तैनात थे। वे वर्ष 2011 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। शहादत की खबर मिलते ही पूरा इलाका गमगीन हो गया।

रविवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव थेह पहुंचा। गांव में हर तरफ भारत माता की जय और बलदेव चंद अमर रहे के नारे गूंज उठे। अंतिम यात्रा के दौरान हजारों लोग मौजूद रहे। शहीद को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनके साथियों ने उनकी याद में बाइक पर तिरंगा रैली भी निकाली।

शहीद का गंगलोह गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।  - Dainik Bhaskar

शहीद बलदेव के परिवार का सेना से गहरा जुड़ाव है। उनके पिता सेवानिवृत्त हवलदार बिशन दास, ताया और चाचा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। बलदेव चंद अपने पीछे पत्नी, सात वर्षीय बेटे, भाई और माता-पिता को छोड़ गए हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बलदेव की शहादत पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बलदेव चंद ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। उनका बलिदान हमेशा अमर रहेगा। मुख्यमंत्री ने परिवार को हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन भी दिया।

यह शहादत इस बात का प्रतीक है कि देश की सुरक्षा के लिए हिमाचल के बेटे हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं और राष्ट्र की रक्षा हेतु किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटते।