सावधान, कहीं आप भी अपने बच्चे को कॉटन कैंडी तो नहीं खिला रहे। दरअसल इस कॉटन कैंडी में हानिकारक माने जाने वाले कलरिंग मैटीरियल पाए जाने की पुष्टि हुई है। कॉटन कैंडी में पाया जाने वाला ‘रोडामाइन बी’ सिंथेटिक डाई है, जो गुलाबी या गहरा लाल रंग देता है. यह केमिकल कपड़ा, कागज और चमड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.
इसका खुलासा तब हुआ जब नगर निगम सोलन के खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर भर से आई कैंडीज के सैंपल भरे। हैरानी वाली बात यह है कि सफेद रंग की कैंडी को छोड़कर सभी कैंडी के सैंपल फेल हो गए। खाद्य सुरक्षा विभाग सोलन के सहायक आयुक्त डॉ. अतुल कायस्था का कहना है कि सात रंगों की कैंडीज के सैंपल को कंडाघाट के सीटीएल लैब में भेजा गया जिसमें सफेद कलर की कैंडीज को छोड़ सभी के सैंपल फेल हो गए। फिलहाल फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
Mandi Literacy Committee: हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने शनिवार को शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय…
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है,…
Priyanka Gandhi Wayanad victory: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जल्द ही हिमाचल प्रदेश के शिमला पहुंचेंगी।…
First Snowfall at Atal Tunnel: प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 53 दिनों के लंबे…
Major Indian festivals 2025: साल 2024 अब समाप्ति के करीब है और कुछ ही दिनों…
रविवार का दिन सभी 12 राशियों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आया है। चंद्रमा की…