Follow Us:

शिमला: बेरहम बनी चिड़गांव पुलिस, नाबालिग लड़की को बुरी तरह से पीटा

पी. चंद |

खाकी के कहर से चिड़गांव का एक परिवार न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खा रहा है। लेकिन कानून के रक्षक जब भक्षक बन जाए तो न्याय किससे मांगे। मामला  बीते मंगलवार को चिड़गांव का है जहां पुलिस ने एक गरीब परिवार को आपसी लड़ाई की शिकायत के चलते थाने बुलाकर बिना कोई सवाल जवाब किए धुनाई कर डाली और बुरी तरह पीट डाला। पुलिस की इस  मारपीट में नाबालिग लड़की को भी नहीं बख्शा और इस कदर मारा कि उसके मुंह से खून निकलने लगा उसे 2 घंटे बाद होश आया।

पुलिस अब भले ही अपनी खाल बचाने के लिए इस गरीब परिवार पर आरोप लगा रही है कि इन्होंने थाने के रखे कम्प्यूटर को तोड़ा है लेकिन गरीब घर की सहमी लड़की आईजीएमसी अस्पताल में मेडिकल के लिए भी मारी मारी फिर रही है। परिवार वालों के पास न शिमला में रहने के लिए कोई छत है न ही  खाने के लिए पैसे। लेकिन पुलिस न मामला दर्ज कर रही हैं न ही तीन दिन बाद मेडिकल ही करवा पाई है।

मामला ये है कि चिड़गांव तहसील के थाना गांव निवासी देसराज की बहन कमलेश की शादी खशधार में हुई है तथा कमलेश का पति रोहड़ू में रहता है। कमलेश ने स्वयं बताया कि पति के घर पर न होने से उसका ससुर साधु राम उसे बुरी नजर से देखता है तथा जिसकी शिकायत उसने पुलिस से भी की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इसी बात को लेकर साधु राम व कमलेश के पिता सेन राम और भाई देसराज के बीच झगड़ा हुआ था, जिस पर साधु राम ने चिड़गांव थाने में सेन राम और उसके बेटे देशराज के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। इसी मामले के चलते 14 अगस्त को  पुलिस ने सेन राम व देसराज को थाने बुलाया। इनके साथ कमलेश व उसकी 15 साल की नाबालिग बेटी मनीषा भी थाने गई लेकिन, थाना में पहुंचते ही पुलिस ने दरवाजा बंद कर इस गरीब परिवार की पिटाई शुरू कर दी।

नाबालिग बेटी मनीषा ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस वाले ने उसे बालों से पकड़ कर खींचा और एक महिला पुलिस ने उसके कान के नीचे इस कदर चांटा रसीद किया कि वह वहीं गिर कर बेहोश हो गई तथा मुंह से खून बहने लगा। परिजन यह देख घबरा गए थे कि शायद बेटी को कुछ हो गया है। परिजनों ने उसे रोहड़ू अस्पताल पहुंचाया जहां वह 2 घंटे बाद होश में आई। अब पुलिस मामले में लीपापोती कर पुलिस को बचाने में लगी है।