मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है.
राज्य को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जय राम ठाकुर ने शिमला में कहा कि हिमाचल के लिए राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का आवंटन वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है. क्योंकि यह राज्य में कई वर्षो के लिए फार्मा फॉर्मूलेशन इकाइयों के प्रतिधारण के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों को बल्क ड्रग फार्मा पार्क आवंटित करने का मुख्य उद्देश्य घरेलू निर्माण, दवा सुरक्षा सुनिश्चित करना और चीन पर बल्क ड्रग की निर्भरता कम करना है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मार्च, 2020 को बल्क ड्रग पार्क योजना को मंजूरी दी थी और बाद में 21 जुलाई, 2020 को प्रस्ताव जमा करने के लिए मूल्यांकन मानदंड निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार के फार्मा विभाग (डीओपी) द्वारा 1000 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा के साथ परियोजना लागत का 90 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना अवधि के दौरान राज्य सरकार ने अपेक्षित भूमि की पहचान करना शुरू कर दिया और जिला ऊना की हरोली तहसील के पोलियां, टिब्बीं, मल्लूवाल में 1,405 एकड़ भूमि का चयन किया गया.
पार्क की अनुमानित परियोजना लागत लगभग 1200 करोड़ रुपये है. जिसमें से सामान्य बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा 1000 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा और इस पार्क में लगभग 8000 से 10,000 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश अपेक्षित है. लगभग 15 हजार सेे 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हो सकेगा.
मिली जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 600 से अधिक फार्मा निर्माण इकाइयां हैं और राज्य में थोक दवा की वार्षिक मांग लगभग 30,000-35,000 करोड़ प्रतिवर्ष है.
अब इस पार्क से थोक दवा की मांग को लागत प्रभावी तरीके से पूरा किया जा सकेगा. जो फार्मा निर्माण इकाइयों की उत्पादकता और परिचालन क्षमता को भी बढ़ाएगा. इसके अलावा यह पार्क पूरे देश में विशेष रूप से उत्तरी भारत की एपीआई जरूरतों को भी पूरा करेगा.