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घुमारवीं में 70 लाख से बनेगा रेश्म कीट पालक प्रशिक्षण केन्द्रः राजेन्द्र गर्ग

<p>जिला बिलासपुर के उपमण्ड़ल घुमारवीं में उद्योग विभाग हिमाचल प्रदेश के रेशम अनुभाग द्वारा सेरीकल्चर पर उपमण्डल की रेशम कृषक महिलाओं के लिए एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता विधायक राजेन्द्र गर्ग ने की। विभाग के उप निदेशक बल्देव सिंह चैहान, शॉल टोपी और समृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया और विभाग द्वारा कोकून उत्पादकों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह बड़ी खुशी का विषय है कि राज्य में होने बाले कोकून के उत्पादन का 42 प्रतिशत उत्पादन जिला बिलासपुर में होता है। यह सब हमारी महिलाओ की मेहनत का प्रतिफल है।</p>

<p>उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रदेश में कुल 10480 परिवार और बिलासपुर में 4200 परिवार और घुमारवीं उपमण्ड़ल कुल 1200 परिवार में कोकून उत्पादन से जुड़े हैं। घुमारवीं में 70 लाख रूपये की राशी से रेश्म कीट पालक प्रशिक्षण केन्द बनाया जाएगा ताकि इस व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं को घर-द्वार पर प्रशिक्षण की सुविधा उपलव्ध हो सके और वह इस कार्य में अधिक दक्षता प्राप्त कर सकें। बिलासपुर की जलवायु शहतूत उतपादन के लिए अनुकूल है और अभी हाल ही में केंद्र सरकार के एक सर्वे में यह पाया गया है कि प्रदेश में जिला बिलासपुर में शहतूत घनत्व 55 प्रतिशत है, यह कोकून उत्पादकों के लिए खुशी की बात है। कोकून उत्पादन बहुत पुराना व्यवसाय है जो सदियों से गरीब परिवारों की आर्थिकी को सुदृड़ कर रहा है।</p>

<p>विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐसे कोकून उत्पादक जो भूमि के कमी के कारण रेशम कीट पालन शैड़ का निर्माण नही कर पातें थे उनकी समस्या को देखते हूए सरकार ने अब मकान की दूसरी मंजिल पर भी रेशम कीट पालन शेड़ बनाने पर अनुदान देने का प्रावधान कर दिया है ताकि हर किसान अपना रेशम कीट पालन शैड़ बना सकें। इसके अतिरिक्त उन्होने बताया कि पूर्व में रेशम कीट पालन शेड़ हेतु प्रदान की जाने बाली अनुदान राशी को 75 हजार रूपये से बढ़ाकर 01 लाख 50 हजार रूपये कर दिया है और सरकार ने अब इस योजना का दायरा बढ़ाकर अनुदान राशी हर वर्ग को देने का निर्णय लिया है ताकि प्रत्येक कोकून उत्पादक को लाभाविंत किया जा सके।</p>

<p>प्रदेश में&nbsp; कोकून का उत्पादन बढ़ रहा है लेकिन किसानों को सही मूल्य नहीं मिलने से नुकसान उठाना पड़ रहा है जो कि चिंता कि विषय है। किसानों को नुकसान से बचाने के लिए प्रति किलो उत्पादन पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए मामला प्रदेश सरकार से उठाया जाएगा ताकि किसानों को लाभ प्रदान किया जा सकें। अंत में मुख्याातिथि द्वारा सभी कोकून उत्पादकों को फावड़ा प्रदान किया गया।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>दूसरी मंजिल पर शेड़ बनाने पर CM का किया धन्यवाद</strong></span></p>

<p>कोकून उत्पादक जमीन की कमी के कारण शेड़ नहीं बना पाते थे और मकान की दूसरी मंजिल पर शेड़ बनाने पर अनुदान का लाभ भी नहीं मिलता था, मामले को मुख्यामंत्री के उठाया गया और अब सरकार ने मकान की दूसरी मंजिल पर रेशम कीट पालन शेड़ के निर्माण पर भी अनुदान प्रदान करने का फैसला लेकर इस वर्ग को राहत पहुंचाई है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं।</p>

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