मौसम की बेरुखी के चलते विदेशी पायलटों ने नहीं दी दस्तक
रोजाना मात्र 40 से 50 टेंडम उड़ानें ही संभव हो पा रही
Dharamshala: विश्व प्रसिद्ध बीड़-बिलिंग घाटी में इस सीजन मौसम की मार देखने को मिल रही है। विदेशी पायलटों के बिना मानव परिंदों से खचाखच भरा रहने वाला आसमान सूना लग रहा है। मौसम की बेरुखी के कारण रोजाना मात्र 40 से 50 टेंडम उड़ानें ही संभव हो पा रही हैं और दोपहर 12 बजे के बाद मौसम का मिजाज उड़ानों के अनुकूल नहीं रह रहा है। अममून इस वक्त तक बीड़-बिलिंग घाटी मानव परिंदों से भरा रहता है। लेकिन अब तक घाटी में पायलटस खासकर विदेशियों ने दस्तक देने से परहेज किया है। 15 सितंबर के बाद से बिलिंग से नियमित तौर पर उड़ानें हो रही हैं। पिछले दो दिन में तीन-चार विदेशी पायलट बीड़ पहुंचे हैं, जबकि 2 अक्तूबर से बड़ी संख्या में विदेशी पायलटों के बीड़ में आने की उम्मीद है। माना जाता है कि विदेशी पायलट मौसम के उड़ानों के अनुकूल होने पर ही बीड़ का रुख करते हैं। 2 नवंबर से पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप भी है। ऐसे में समय बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पायलट उड़ानों के लिए मौजूद रहेंगे। अक्तूबर और नवंबर में घाटी में रौनक की उम्मीद है।
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