मंडी: समकालीन हिंदी कविता के प्रतिष्ठित के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कवि सुरेश सेन निशांत पर केंद्रित पुस्तक लोकसत्ता के प्रहरी का विमोचन बीडीओ कार्यालय सभागार में आयोजित सादे समारोह में किया गया। सुकेत साहित्य एवं सांस्कृतिक परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मंडी एवं बिलासपुर जिलों के साहित्यकारों के अलावा सुरेश सेन निशांत की धर्मपत्नी सरिता सेन, माता जी, दोनों छोटे भाई और पुत्रवधु अपूर्वा भी मौजूद रही । सुरेश सेन निशांत पर केंद्रित इस पुस्तक का संपादन प्रख्यात कविद्वय भरत प्रसाद एवं अरूण शीशांत द्वारा किया गया । सुरेश सेन निशांत हिमाचल प्रदेश के ऐसे कवि हैं जिन्होंने हिमाचल की समकालीन हिंदी कविता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई ।
यही वजह से है कि निशांत ही पहले ऐसे कवि है जिनके रचनाकर्म पर प्रदेश के बाहर से पुस्तक प्राकशित होकर आई है । बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कवियों, समीक्षकों ने इस पुस्तक में रचनात्मक योगदान देकर दिवंगत कवि को श्रद्धांजलि अर्पित की है । देश के मशहूर कवि संपादक अरूण कमल ने इस पुस्तक का ब्लर्व लिखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के भीतरी इलाकों के जीवन, सौंदर्य एवं संघर्ष को व्यक्त करने वाले संवेदनशील कवि निशांत हर तरह लोभ-मोह से परे एक एकांत साधक थे ।
उनका असमय निधन पूरे कवि समाज को मर्माहत कर गया । निशांत की कविताओं पर टिपणी करते हुए कवि कथाकार आलोचक निरंजन देव शर्मा ने कहा कि गांव, पर्यावरण और स्त्री निशांत की कविता के मूल में रहे हैं । स्त्री और पृथ्वी उनके यहां पर्यायवाची की तरह हैं , वह स्त्री की स्वतंत्रता का स्वप्न भी ग्रामीण परिवेश के आईने में देखते हैं । वे आगे कहते हैं बेटी सीरिज की कविताएं पढ़ते हुए मणिपुर तथा देश के तमाम हिस्सों में महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा की घटनाएं सामने कौंध जाती है । वहीं पर कवि आलोचक विजय विशाल ने कहा कि समकालीन हिंदी कविता में हिमाचल की कविता को सही मायने में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान सुरेश सेन निशांत ने दिलवाई है । हिमाचल ही नहीं हिंदी में सबसे ज्यादा छपने वाले कवि थे । सुरेश सेन निशांत के घनिष्ठ मित्र कथाकार मुरारी शर्मा ने सुरेश सेन निशांत द्वारा लिखित मेरी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला ।
वहीं पर उनकी स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि सुरेश सेन निशांत कविता में हिमाचली मिट्टी की सौंधी गंध और वन फूलों की महक बिखेरने वाले कवि थे । उन्होंने निशांत को याद करते हुए कहा-कवि हम तब मिलेंगे …जब उदासियों का मौसम गुजर जाएगा, धरती पर उतर आएगा लोकगीतों का वसंत ,जब-जब तुम्हारी कविताओं की वादियों से गुजरेंगे …तब हम मिलेंगे और बार-बार मिलेंगे । कृष्णचंद्र महादेविया ने कहा कि सुरेश सेन निशांत बचपन से ही संवेदनशील और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । वे कवि के साथ-साथ अच्छे अभिनेता भी थे कालेज के दिनों में वे नाटकों में भाग लिया करते थे । कवि यायावर रतन चंद निरझर ने लोक सत्ता के प्रहरी पुस्तक पर टिपणी करते हुए कहा -लोक सत्ता के प्रहरी पुस्तक हिमाचल प्रदेश के किसी कवि साहित्यकार पर देश के विभिन्न राज्यों के कवि, लेखकों एवं साहित्यकारों द्वारा लेख लिखे गए हैं यह अपनी तरह की पहली पुस्तक है ।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का पेपर बैक संस्करण आना जरूरी है, जिससे इसकी पहुंच विशाल पाठक वर्ग तक हो पाएगी । इस पुस्कत में सुरेश सेन निशांत के छोटे बेटे मुनीश सेन का संस्मरण भी गौर योग्य है । जिसमें वे कहते हैं कि -पापा कहते हैं : कविता लंबाई से नहीं शब्दों से बड़ी होती है । वहीं भरत प्रसाद का सुरेश सेन से संवाद कविता के कई आवरणों को परत दर परत उधेड़ता है । इसके अलावा कवि अग्निशेखर, ज्योतिष जोषी, भालचंद्र जोशी, स्वप्निल श्रीवास्तव, मुरारी शर्मा, कृष्णचंद्र महादेविया, पवन चौहान आदि के संस्मरण और देश भर के कवि साहित्यकारों के लेख उनके रचनाकर्म पर इस पुस्तक में शामिल किए गए हैं ।
वहीं पर सुकेत साहित्य एवं सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार डा. गंगाराम राजी ने कहा कि सुरेश सेन सुंदरनगर ही नहीं हिमाचल के गौरव थे । उन पर केंद्रित कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे । इस अवसर पर सुरेश सेन निशांत की पुत्रवधु अपूर्वा सेन ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए इस पुस्तक से संपादकों और तमाम उन कवि, लेखकों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस पुस्तक में अपना लेखकीय योगदान दिया है । अपूर्वा ने बाढ़ और जल प्रलय की त्रासदी का संकेत देती सुरेश सेन निशांत की पहाड़ कविता का भी पाठ किया । इस अवसर पर कवि रतन लाल और सुरेंद्र मिश्रा का सुकेत साहित्य एवं सांस्कृतिक परिषद की ओर से विशेष योगदान रहा ।
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…
PWD Multi-Task Workers ₹5000: हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800…
कांगड़ा एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक डिसड्रोमीटर से मौसम अध्ययन को मिलेगा नया आयाम भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम…