Categories: हिमाचल

अस्पताल स्टाफ की मिलीभगत से की गई गायब टांडा मेडिकल कॉलेज में जन्मी बच्ची

<p>टांडा मेडिकल कॉलेज में 20 जुलाई 2018 को जन्म लेने वाली एक बच्ची के गायब होने का मामला सामने आया है। बताया गया है कि बच्ची को ऐसे आदमी के हवाले किया गया जिसने इसे आगे किसी अन्य को बेच दिया। मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भी हो सकता है। इस मामले में अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>क्या है मामला</strong></span></p>

<p>दरअसल जब इस बच्ची का जन्म हुआ था वह अपने माता- पिता की तीसरी बच्ची थी जिसे वे अपने साथ नहीं रखना चाहते थे। तभी अस्पताल के कर्मचारियों को इस बात का पता चला और उनकी मिलीभगत से ना सिर्फ उस बच्ची को गायब किया गया बल्कि जन्म प्रमाण पत्र में भी अस्पताल के कर्मचारी के रिश्तेदार को ही उसका पिता बना दिया और बच्ची उसके हवाले कर दी गई। साथ ही अगर सूत्रों की मानें तो यह बच्ची आगे फिर किसी तीसरे आदमी को बेच दी गई है।</p>

<p><span style=”color:#d35400″><strong>बिना आधिकारिक अनुमति के बदला गया पिता का नाम</strong></span></p>

<p>6 अक्टूबर 2018 को रिकॉर्ड रूम के इंचार्ज ने एमएस को एक शिकायत पत्र लिखा और बताया कि बच्ची के बर्थ सर्टिफिकेट में पिता का नाम बिना आधिकारिक अनुमति के बदला गया है। तभी अस्पताल प्रशासन ने सारे मामले को लेकर एक जांच बैठाई। लेकिन जांच सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र में बदले गए पिता के नाम तक ही सीमित रही। इसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं हुआ कि वह बच्ची अब कहां है और किस हालत में है।</p>

<p><span style=”color:#d35400″><strong>शिकायतकर्ता पर ही फोड़ दिया सारा ठीकरा</strong></span></p>

<p>बताया गया कि जांच में सारा ठीकरा शिकायतकर्ता पर ही फोड़ दिया गया। जांच अधिकारी ने पूछताछ के दौरान अन्य लोगों पर यह दबाव बनाने का प्रयत्न किया है कि वह इस मामले में शिकायतकर्ता को ही दोषी बताएं।</p>

<p><span style=”color:#d35400″><strong>जांच अधिकारी ही फ्रौड</strong></span></p>

<p>बता दें कि जिस जांच अधिकारी को इस मामले में तैनात किया गया दरअसल वह अधिकारी भी गलत तरीके से इस मेडिकल कॉलेज में तैनात किया गया है। पिछले साल की ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि इस अधिकारी ने लाखों रुपए की सैलरी उस पोस्ट के अगेंस्ट ली है जो इस कॉलेज में है ही नहीं।<br />
<span style=”color:#d35400″><strong>अस्पताल की कार्यवाही पर सवाल</strong></span></p>

<p>इससे पहले भी टांडा मेडिकल कॉलेज में ऐसे कई संगीन मामले सामने आ चुके हैं जिसमें अस्पताल प्रशासन को FIR दर्ज करानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा करने के बजाय प्रशासन ने अपने स्तर पर ही ऐसे कई मामले निपटा दिए। इससे अस्पताल की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं कहीं मामले में कोई हाई प्रोफाइल लोग तो नहीं जुड़े या इससे पहले कितने बच्चे बेचे या खरीदे गए। सारी बातें तभी सामने आएंगी जब पुलिस गंभीरता से इन सब बातों की जांच करेगी।</p>

<p>वहीं दूसरी ओर चाइल्ड हेल्पलाइन के निदेशक रमेश मस्ताना ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है जिसे लेकर वह बहुत चिंतित हैं। मस्ताना ने बताया कि यह सब गैरकानूनी हुआ है यदि किसी ने बच्चा गोद लिया भी है तो नियमों का पालन नहीं हुआ है। प्रथम दृश्य में ऐसा लगता है कि यह मामला अवैध खरीद- फरोख्त से जुड़ा मामला हो सकता है। चाइल्ड हेल्पलाइन पुलिस की मदद से इस मामले की जांच करेगी ताकि सच सामने आए और बच्ची का पता लगाया जा सके कि वह कहां है और किन हालात में है और उस बच्ची के दोषी कौन लोग हैं।</p>

Samachar First

Recent Posts

संजौली मस्जिद विवाद : चार अलग-अलग मामलों में 185 आरोपी बनाए,एफआईआर में भाजपा के राज्य कोषाध्यक्ष, विहिप के प्रांत मंत्री भी नामजद

  समाचार फर्स्‍ट नेटवर्क Shimla: संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में प्रदर्शन करने…

2 hours ago

खुला नौकरियों का पिटारा: नगरोटा में ही 5000 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य: बाली

 सिटी ग्रुप ने आयोजित किया रोजगार मेला, 300 का हुआ चयन 35 कंपनियों ने लिया…

6 hours ago

हमीरपुर में गणेश विसर्जन की धूम

  Hamirpur: गणेश महोत्सव के आयोजन के दौरान अंतिम दिन गणेश मूर्ति के विसर्जन से…

8 hours ago

उचित पोषण के लिए दैनिक आहार में विविधता जरूरी: सीडीपीओ

  Hamirpur:महिला एवं बाल विकास विभाग ने राष्ट्रीय पोषण माह के उपलक्ष्य पर सोमवार को…

8 hours ago

हमीरपुर में सदस्यता अभियान पकड़ेगा रफतार, कश्‍यप ने ली बैठक

  Hamirpur: भारतीय जनता पार्टी का देश भर में चला सदस्यता अभियान हिमाचल में भी…

8 hours ago

रंगस स्कूल के विद्यार्थियों को समझाए मौलिक कर्तव्य

  Hamirpur:जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य…

8 hours ago