Follow Us:

बिलासपुरः उद्धघाटन के लिए घुमारवीं अस्पताल में जिला अस्पताल से लाए 50 बैड, फिर लौटाए

सुरेन्द्र जम्वाल, बिलासपुर |

जिला बिलासपुर में घुमारवीं अस्पताल को अभी कुछ दिनों पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार  के द्धारा पच्चास बिस्तर से सौ बिस्तर कर दिया गया है। जिस दिन स्वास्थ्य मंत्री ने घुमारवीं अस्पताल को पचास बिस्तर से सौ बिस्तर कर उद्धघाटन किया गया है उस दिन जिन महिला और पुरूष वार्ड में बिस्तर लगाएं गए थे। वह जिला मुख्यालय के अस्पताल से पचास अतिरिक्त लाएं गए थे और उद्धघाटन के बाद ही पचास बिस्तरों से पैंतालिस वापिस लौटा दिए गए हैं। मंत्री के द्धारा जिन महिला और पुरूष  वार्डों का उद्धघाटन के समय निरिक्षण किया गया था, उसके बाद उन वार्डों में ताले जड़ दिए गए हैं।

अब सवाल यह उत्पन्न होता है कि मंत्री को सिर्फ खुश करने के लिए और दिखाने के लिए जो बिस्तर जिला अस्पताल से लाए गए हैं उन्हें वापिस क्यों किया गया है। वार्डों में मिलने वाली सुविधा से भी लोग वंचित रह रहे हैं तो दिखावा मात्र किस लिए किया गया है। जबअस्पताल मे संबंधित विभाग के अधिकारी बिस्तर तक मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं तो पच्चास बिस्तर से सौ बिस्तरों का किसे फायदा हो रहा है। सबंधित विभाग के आला अधिकारियों ने मंत्री की खुश करने और दिखाने के लिए जो बिस्तर जिला हास्पिटल से लाए गए हैं और बाद में उन्हें वापिस किया गया है उनके लाने और लौटाने के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया गया है उसकी भी जबाबदेही आला अधिकारियों की बनती हैं और सुविधा के नाम पर मात्र दिखावा ही किया गया है जिससे आमजन भी ठगा हुआ महसूस कर रहा है ।

घुमारवीं विधान सभा क्षेत्र की पैंतीस पंचायतो के लगभग अस्सी  हजार लोग इस हस्पिटल  के ऊपर निर्भर रहते है जिसमें सदर और झंडुता का कुछ भाग के लोग भी इस अस्पताल को आते हैं। कुल मिलाकर एक लाख से भी ज्यादा की संख्या इस अस्पताल पर निर्भर है। सरकार मरीजों को  हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा करती हैं, पर घुमारवीं अस्पाल में सुविधा नाम की कोई चींज नहीं है और प्रशासन हाथ पे हाथ धरा बैठा है। स्वास्थ्य मंत्री ने 28 नंबर को ही पचास बिस्तर से सौ बिस्तर किया था, पर वार्डों में लटके ताले अपनी स्थिति खुद बंया कर रहे हैं जिससे हर कोई अनभिज्ञ नहीं है। अस्पताल मे उद्धघाटन के समय जो बिस्तर लाए गए थे और बाद में उन्हें फिर जिला हास्पिटल को वापिस लौटा दिया गया है, के बारे में सीएमओ साहब ही बेहतर बता सकते हैं। जो भी किया गया है उन्हीं के दिशा निर्देशों के अनुसार किया गया है।

कांग्रेस के पूर्व सीपीएम राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ नाम पटिका लगाने में विश्वास रखती हैं और धरातल पर कुछ भी नहीं होता है। ऐसा ही घुमारवीं अस्पताल में हुआ है जब बिस्तर और अन्य साधनों का पुख्ता इंतजाम नहीं था तो शिलान्यास के लिए ढंढोरा किस काम का है। यह सिर्फ लोगों को गुमराह कर सकते हैं।