Karcham-Sangla-Chitkul Road: जनजातीय जिला किन्नौर में चीन सीमा से सटी और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क का निर्माण और देखरेख अब बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) करेगा। पहले इस सड़क का प्रबंधन लोक निर्माण विभाग के अधीन था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे बीआरओ को सौंपने का निर्णय लिया है। लोक निर्माण विभाग और बीआरओ के बीच सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, और सड़क का जिम्मा बीआरओ को औपचारिक रूप से एक सप्ताह में सौंपा जाएगा।
42 किलोमीटर लंबी इस सड़क की हालत लंबे समय से खराब थी, जिससे सांगला वैली की 11 पंचायतों के हजारों ग्रामीणों, सेना और आईटीबीपी के जवानों, और यहां घूमने आने वाले पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यह सड़क कड़छम से छितकुल तक जाती है और इससे आगे आईटीबीपी की दुमती पोस्ट तक जुड़ती है, जो चीन सीमा के करीब है।
सड़क को चौड़ा कर इसे सात मीटर किया जाएगा, तीखे मोड़ों को दुरुस्त किया जाएगा, और इसे मैटलिंग व टारिंग से दुरुस्त किया जाएगा। सड़क के बेहतर होने से न केवल सेना और आईटीबीपी के जवानों को सीमा तक पहुंचने में आसानी होगी, बल्कि सांगला वैली के स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी।
लोक निर्माण विभाग भावानगर के अधिशासी अभियंता आनंद शर्मा ने बताया कि बीआरओ और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी वर्तमान में सड़क का संयुक्त निरीक्षण कर रहे हैं। जल्द ही बीआरओ इस सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगा।
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