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प्रवासी श्रमिकों, किसानों, रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए केंद्र सरकार ने खोले राहत के द्वार : धूमल

नवनीत बत्ता |

पीएम मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के दूसरे चरण में मजदूरों, किसानों और मध्यम वर्ग के लिए की कल्याणकारी बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार के सभी कदमों की सराहना करते हुए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है। धूमल ने कहा केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, किसानों, रेहड़ी-फड़ी वालों और मध्यम वर्गिय परिवारों के लिए राहत के द्वार खोले हैं। उन्होंन कहा कि रेहड़ी फड़ी और स्टॉल लगाने वालों को दस हज़ार रुपए का विशेष लोन देने का राहत भरा कदम इन लोगों को फिर से अपना रोजगार शुरू करने में सहायक सिद्ध होगा। मुद्रा शिशु लोन लेने वाले छोटे व्यापारियों को ब्याज में दी गयी छूट सहायक बनेगी।

धूमल ने कहा कि इस राहत पैकेज में तीन करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए तीस हज़ार करोड़ रुपए के इमरजेंसी केपिटल के अतिरिक्त प्रावधान किए हैं। ढाई करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट के माध्यम से 2 लाख करोड़ कनसेशनल क्रेडिट की सुविधा दी जाएगी। विगत तीन महीनों में भी तीन करोड़ किसानों को कृषि ऋण पर लोन मोरेटोरियम का लाभ दिया गया है। संकट में फंसे प्रवासी मजदूरों को राहतें पहुंचाने के लिए फ़ैसले लिए गए हैं।

प्रवासी मजदूरों को कम किराए में रहने के लिए घर मिलेगा। न्यूनतम मजदूरी सबको मिले इसके लिए श्रम कानून में सुधार किये जा रहे हैं। प्रवासी मजदूरों के कल्याणार्थ राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो माह का राशन मुफ्त दिया जाएगा। घर वापस जाने वाले प्रवासी मजदूरों को  मनरेगा में रोजगार दिया जा रहा है। वन नेशन वन राशन कार्ड से देश के किसी भी राशन डिपो में प्रवासी आनाज ले सकते हैं। मिडल क्लास को हाउसिंग सेक्टर में लाभ पहुंचाने के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। वन सरंक्षण, वनीकरण, वृक्षारोपण, वन्यजीव सरंक्षण व प्रबन्धन के क्षेत्र में छः हज़ार करोड़ रुपयों की योजनाओं को मंजूरी देकर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।