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मौसम साफ रहा तो चंबा-भरमौर मार्ग बहाली में लगेगा 10 दिन, 1100 करोड़ का नुकसान: पठानिया

चंबा-भरमौर मार्ग की बहाली में लगेगा कम से कम 10 दिन
जिला चंबा में बारिश से अब तक 1100 करोड़ का नुकसान
करीब 5 हजार श्रद्धालु अभी भी भरमौर क्षेत्र में फंसे


भारी बारिश से चंबा जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने चंबा का दौरा कर लौटने के बाद कहा कि चंबा-भरमौर मार्ग की बहाली एक बड़ी चुनौती है। अगर मौसम ने साथ दिया, तो भी इस सड़क को जोड़ने में कम से कम 10 दिन का वक्त लगेगा।

उन्होंने बताया कि अब तक जिला में 1100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया जा चुका है। कई परिवार भूमिहीन हो गए हैं और प्रभावितों तक राहत पहुंचाना सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने सांसदों से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार से विशेष सहयोग लिया जाए और कानूनों व नियमों में ढील दी जाए ताकि मदद तेजी से पहुंच सके।

मणिमहेश यात्रा के दौरान करीब 15 हजार श्रद्धालु फंसे हुए थे। इनमें से 10 हजार को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जबकि करीब 5 हजार श्रद्धालु अभी भी फंसे हुए हैं। इनमें से कई बीमार हैं और कुछ उम्रदराज़, जिन्हें सड़क बहाल होने के बाद ही सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्य और मुश्किल हो जाएंगे।

जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक 16 मणिमहेश यात्रियों की मौत; रास्ते में फंसे हैं पांच हजार


उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि बारिश के दौरान करीब 15 हजार श्रद्धालु कई स्थानों पर फंस गए थे। इनमें से करीब 10 हजार श्रद्धालुओं को निकाल लिया गया है। अभी करीब 5 हजार श्रद्धालु फंसे हुए हैं।

मणिमहेश यात्रा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाष्टमी तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि बारिश के दौरान करीब 15 हजार श्रद्धालु कई स्थानों पर फंस गए थे। इनमें से करीब 10 हजार श्रद्धालुओं को निकाल लिया गया है। अभी करीब 5 हजार श्रद्धालु फंसे हुए हैं। गौरीकुंड, धन्छो समेत विभिन्न पड़ावों पर 500 के करीब एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, गृहरक्षक, कुगति-भरमौर के दुकानदार हैं। जिन्हें सोमवार ओर मंगलवार तक वापसी करने के आदेश जारी किए गए हैं। प्राकृतिक आपदा के दौरान जिला में भारी नुकसान हुआ है। उपायुक्त ने सोशल मीडिया पर भ्रांतियां फैलाने वालों को सचेत किया है कि वे ऐसा न करें। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

इधर, रविवार को भरमौर में फंसे 3,500 मणिमहेश यात्री निकाले गए। अभी भी जिले में चार से पांच हजार तक श्रद्धालु हड़सर, चंबा और भरमौर के बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। रविवार को इन यात्रियों को एचआरटीसी की 26 बसों और अन्य वाहनों में पठानकोट, कांगड़ा और अन्य स्थानों की ओर भेजा गया। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से भरमौर से पैदल ही जांघी तक श्रद्धालुओं को भेजा जा रहा है।

जहां से आगे एचआरटीसी की निशुल्क बस सेवा, निजी बसों, स्कूली बसों, टैक्सियों और माल वाहक वाहनों के जरिये श्रद्धालुओं को जिला कांगड़ा, ऊना, मंडी समेत अन्य जिलों में पहुंचाया जा रहा है। उधर, कुल्लू-मनाली एनएच छह दिन बाद भी बंद है। हालांकि, मनाली के लिए वाया वामतट से होकर बड़े वाहनों के लिए मार्ग को बहाल कर दिया गया है। इससे कुछ राहत मिली है।