<p>चंबा जिला का एतिहासिक मिंजर मेला कोरोना के चलते इस साल भी रस्म के तौर पर मनाया जाएगा। मेले की रूपरेखा को लेकर डीसी चंबा की अध्यक्षता में आज बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में फैसला लिया गया कि कोरोना के चलते 25 जुलाई रस्म के साथ मेले का आगाज किया जाएगा जबकि 1 अगस्त को समापन होगा। बैठक में फैसला लिया गया कि 25 जुलाई से हर रोज शाम को चंबा चौगान में कला केंद्र से पारंपरिक कूंजड़ी मल्हार गायन होगा जिसे केवल नेटवर्क व सोशल मीडिया के के जरिए प्रसारित किया जाएगा ताकि लोग घरों पर रहकर इसका आनंद ले सकें। </p>
<p>मेला के दौरान चौगान मैदान में प्रवेश की किसी को भी अनुमति नहीं होगा। पुलिस प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था को सुनिश्चित बनाया जाएगा। उपायुक्त ने मेले का शुभारंभ और सम्मापन परंपरा को लेकर नगर परिषद चंबा को बैठक करके अंतिम रुपरेखा तय करने को भी कहा। बैठक में यह भी तय हुआ कि मिंजल मेले की शोभा यात्रा में शामिल होने वाले देवी देवताओं की पालकिओं को और अधिक सुशोभित बनाने के लिए नगर परिषद चंबा आकर्षक कशादकारी और व्हाइट मेटल से सुसज्जित देव पालकिओं की व्यवस्था करेगी। शोभा यात्रा में पारंपरिक परिधानों और वाद्य यंत्रों के साथ जिले के प्रसिद्ध वजंतरिओं को शामिल किया जाएगा। </p>
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