<p>जयराम सरकार के ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बीजेपी चार्जशीट पर प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अनिल शर्मा पिछली सरकार के दौरान वीरभद्र मंत्रिमंडल में पंचायती राज और पशुपालन मंत्री थे। वीरभद्र सरकार के मंत्री के तौर पर बीजेपी ने राज्यपाल को सौंपी चार्जशीट में उन पर दवाई खरीद घोटाले में भागीदार होने का आरोप लगाया था। इसके अलावा शर्मा के खिलाफ बेनामी संपत्ति होने का भी आरोप लगाया था। चूंकि शर्मा वर्तमान सरकार में भी मंत्री हैं, ऐसे में अब बीजेपी सरकार के लिए मुसीबत बन गई है कि वह क्या करे।</p>
<p>बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि बीजेपी की चार्जशीट दर्ज किए गए मामलों की प्राथमिकता के हिसाब से जांच होगी। गौरतलब है कि कुछ मामलों में जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। जिनमें सहकारी बैंकों में भर्ती घोटाला मामला और शराब कारोबार में बनाई गई एचपी बेवरेजिज मामला शामिल है।</p>
<p>मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सभी विभागों ने आरोपों की जांच की टिप्पणियां भेज दी हैं, लेकिन अभी तक राजस्व और पशु पालन विभाग से रिपोर्ट नहीं आई है। अब देखना ये बाकी है कि प्राथमिकता के आधार पर जांच के आदेश कब पशु पालन विभाग तक पहुंचते हैं और देखना ये भी होगा कि क्या जयराम सरकार अनिल शर्मा को जांच के दायरे में लाती है या नहीं।</p>
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