<div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”>देश और प्रदेश भर की दुकानों में चीनी सामान की बिक्री अब आम बात हो गई है। लेकिन, अब चीन हिमाचली सेब पर नजरें गड़ाए बैठा है। दुनियां में चीन सबसे ज्यादा सेब पैदा करने वाला देश है। इसलिए चीन सेब को शुल्क फ्री करने का प्रयास कर रहा है। सार्कदेशों के अलावा 6 अन्य 16 देशों के बीच 2 बार हो चुकी बैठक में चीन ने सेब के लिए जल्द बिजनैस-फ्री वीजा देने की वकालत की है।</div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
<div class=”_1mf _1mj”>केंद्र सरकार यदि सेब पर आयात शुल्क खत्म करने को हामी भर देती है तो इससे प्रदेश का 4200 करोड़ रुपए से ज्यादा का सेब उद्योग खत्म हो जाएगा। ऐसा करने से हिमाचल सहित जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के भी हजारों बागवान परिवारों की रोटी उनसे छिन जाएगी। दुनिया के 16 देशों ने व्यापारिक बंदिशें खत्म करने के लिए पहल की है। इसमें 92 फीसदी कृषि व औद्योगिक उत्पादों पर आयात शुल्क शून्य करने का प्रस्ताव है।</div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
<div class=”_1mf _1mj”><span style=”color:#c0392b”><strong>80 % वस्तुओं पर आयात शुल्क खत्म करने पर भारत राजी </strong></span></div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”>80 फीसदी उत्पादों पर नैगोसिएशन के लिए भारत भी तैयार है। इसे लेकर 16 देशों में दो चरण की बैठक संपन्न हो चुकी है। अंतिम दौर की बैठक इसी साल दिसम्बर में होनी प्रस्तावित है। ये देखते हुए प्रदेश के बागवान सेब को स्पैशल फ्रूट का दर्जा देने के लिए मुखर होने लगे हैं। इन दिनों फल एवं सब्जी उत्पादक संघ इसे लेकर जगह-जगह बैठकें कर रहा है। इनमें ग्रोवर मांग कर रहे हैं कि सेब को स्पेशल फ्रूट का दर्जा देकर इस पर आयात शुल्क खत्म करने के बजाय बढ़ाया जाए लेकिन केंद्र के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।</div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”><span style=”color:#c0392b”><strong>भारत के बाजारों पर चीन की नजरें</strong></span></div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”>भारत के पड़ोसी देश चीन की नजर भारतीय बाजार पर टिकी हुई है। चीन में प्रति हैक्टेयर 50 मीट्रिक टन से ज्यादा सेब की पैदावार हो रही है जबकि भारत में प्रति हैक्टेयर 7 से 8 मीट्रिक टन सेब हो रहा है। इसकी वजह यह है कि चीन में सेब की पैदावार पर लागत बहुत कम है जबकि भारत में लागत बहुत ज्यादा है। हिमाचल के बागवान को तब जाकर मुनाफा होता है जब उनका सेब 60 रुपए प्रति किलोग्राम से ज्यादा के दाम पर बिके। चीन 28 रुपये प्रति किलो मुम्बई में सेब देने को तैयार है। चीन के अलावा चीली, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के 40 देशों से भारत के लिए सेब आयात किया जा रहा है। इनके कारण प्रदेश का सेब उद्योग उजड़ जाएगा। इसे बचाने के लिए सेब को स्पैशल फ्रूट का दर्जा देना अनिवार्य हो गया है।</div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
</div>
<div>
<div class=”_1mf _1mj”> </div>
</div>
</div>
युवा कांग्रेस नेता दीपक लट्ठ ने रघुवीर बाली के नेतृत्व की सराहना की। पर्यटन…
Himachal disaster relief funds: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली में केंद्रीय…
Viral Video Sparks Outrage in Himachal: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मुस्लिम समुदाय और…
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज आपका दिन सामान्य रहेगा।…
Fatal Accident in Rohru Chidgaon: शिमला जिले के रोहड़ू-चिड़गांव क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे…
एचपीयू चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू करने की तैयारी में है। यह…