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हिमाचल में सीटू का बजट विरोध, शिमला-हमीरपुर में प्रदर्शन

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CITU protest in Himachal: केंद्र सरकार के बजट के खिलाफ हिमाचल में विरोध तेज हो गया है। शिमला और हमीरपुर में सीटू कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर सीटू ने धरना प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि बजट में गरीब मजदूर वर्ग की पूरी तरह अनदेखी की गई है और केंद्र सरकार पूंजीपतियों को मजबूत करने का काम कर रही है। वहीं, हमीरपुर में गांधी चौक पर सैकड़ों सीटू कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और बाजार में रैली निकाली।

सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि यह बजट अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बनाने वाला है। न्यूनतम वेतन 26 हजार करने की कोई घोषणा नहीं की गई, न ही अरबपतियों पर टैक्स बढ़ाने की बात हुई। मनरेगा का बजट जस का तस रखा गया, जबकि मिड डे मील योजना का बजट घटा दिया गया। उन्होंने सरकार पर सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन नीतियों का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में बजट सत्र के दौरान मजदूरों को लामबंद कर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

हमीरपुर में आयोजित प्रदर्शन में सीटू के राष्ट्रीय सचिव ठाकुर कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से मजदूर और जनता विरोधी है। मनरेगा में काम करने वालों को कोई राहत नहीं दी गई, जबकि बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राकृतिक और सार्वजनिक संसाधनों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉर्पोरेट घरानों को फायदा देने के लिए राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत सार्वजनिक संपत्तियों को बेचकर 10 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।

सीटू जिला सचिव जोगिंदर कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार को मनरेगा के बजट में वृद्धि करनी चाहिए थी और मिड डे मील वर्करों के लिए नीति बनानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि बजट में अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण के लिए आवंटित राशि में कटौती की गई है और किसानों की कर्जमाफी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सीटू कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार मजदूर विरोधी नीतियों पर कायम रही तो आने वाले दिनों में हिमाचल में और बड़े आंदोलन किए जाएंगे।