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मांगों को लेकर सीटू का धरना-प्रदर्शन, घेराबंदी की दी चेतावनी

पी. चंद |

सीटू जिला कमेटी के आह्वान पर बीबीएन के मजदूरों ने यूनियनों के पंजीकरण व श्रम कानूनों को लेकर श्रम कार्यालय झाड़माजरी पर जोरदार प्रदर्शन किया। सीटू ने चेताया है कि अगर श्रम विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली दुरुस्त न की तो 28-29 मार्च को मजदूर हड़ताल करके श्रम कार्यालय की घेराबंदी करेंगे। दोपहर ग्यारह बजे से शुरू हुआ मजदूरों का प्रदर्शन दोपहर दो बजे तक चला। इस दौरान सीटू कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन काफी उग्र हो गया।

सीटू कार्यकर्ता श्रम विभाग की कार्यप्रणाली से काफी खफा नज़र आए। वे तीन घण्टे तक जोरदार नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सीटू प्रतिनिधिमंडल श्रम अधिकारी से मिला और मांग-पत्र सौंपा। उन्होंने मांगों का तुरन्त समाधान मांगा जिस पर श्रम अधिकारी ने मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही सीटू कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त किया।

सोलन के सीटू सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीबीएन का श्रम कार्यालय उद्योगपतियों के इशारों पर काम कर रहा है और कई-कई सालों तक यूनियनों का सत्यापन करने में आनाकनी कर रहा है। श्रम कार्यालय की इस लचर और पक्षपातपूर्वक कार्यप्रणाली के कारण मजदूरों को अपनी यूनियन का पंजीकरण करवाना लगभग नामुमकिन हो गया है। श्रम विभाग पूरी तरह पूंजीपतियों की गोद में बैठ गया है और मजदूरों की न्याय हासिल करने की उम्मीदें खत्म हो गयी हैं।

मजदूरों के मांग-पत्र भी सालों से श्रम कार्यालयों की फाइलों में धूल फांक रहे हैं। श्रम कार्यालय की लचर कार्यप्रणाली और मिलीभगत के कारण उद्योगपति मजदूरों को पीड़ित कर रहे हैं। उन्हें यूनियन बनाने पर नौकरी से निकाला जा रहा है। उनका प्रदेश से बाहर स्थानांतरण किया जा रहा है। कम्पनी और ठेका मजदूरों का मालिकों द्वारा भरपूर शोषण किया जा रहा है लेकिन श्रम विभाग मौन है। श्रम विभाग के अधिकारी मात्र इंस्पेक्शन करके अपनी ड्यूटी से पल्ला झाड़ रहे हैं और कम्पनी प्रबंधनों पर श्रम कानूनों की अवहेलना पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने चेताया है कि अगर मजदूरों की मांगों का तत्काल समाधान न हुआ तो बीबीएन के हज़ारों मजदूर 28-29 मार्च की दो दिवसीय हड़ताल के दौरान श्रम कार्यालय की ओर कूच करेंगे और अधिकारियों की घेराबंदी करेंगे। बीबीएन के मजदूर अपने शोषण के विरुद्ध अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।