पर्यटन विभाग और पर्यटन विकास निगम के निर्माणाधीन होटलों में स्वयं सहायता समूहों के लिए दुकानें होंगीआवंटित : सीएम

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  • स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद जैसे साबुन आदि भी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों को उपलब्ध  करवाने के निर्देश 
  • मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को डिजिटल कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश दिए।
  • ई-परिवार रजिस्टर और पशुधन पंजीकरण को डिजिटल रूप से लागू किया गया।
  • मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की वृद्धि कर 300 रुपये प्रतिदिन किया गया।

Rural Development, : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि  महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को सात फूड वैन आवंटित की गई हैं, और अगले वित्त वर्ष में 60 और फूड वैन प्रदान की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास निगम के निर्माणाधीन होटलों में स्वयं सहायता समूहों के लिए दुकानें आवंटित करने की घोषणा की। साथ ही, हिमाचल पर्यटन निगम के होटलों में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बिक्री के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद जैसे साबुन आदि भी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने हिम-ईरा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभाग को अपनी कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने के निर्देश दिए ताकि सेवाओं की उपलब्धता को सरल और सुगम बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल 2024 से ई-परिवार रजिस्टर अनिवार्य किया गया है, जिसके तहत 18.96 लाख परिवारों (99.84%) का पंजीकरण पूरा हो चुका है। साथ ही, दिसंबर 2024 से इसी पोर्टल पर पशुधन का पंजीकरण भी शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायत भवनों में 780 कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) स्थापित किए हैं, जिससे परिवार नकल, विवाह प्रमाण पत्र और बीपीएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इस वर्ष अब तक 11,016 परिवार नकल, 3,595 विवाह प्रमाण पत्र और 5,004 बीपीएल प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए गए हैं।

मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की वृद्धि कर इसे 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन किया गया है। सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए 201.51 करोड़ रुपये की टॉप-अप धनराशि जारी की है।

मुख्यमंत्री ने विभाग को सभी परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए और अधिकारियों को जनहित में सक्रिय रूप से कार्य करने को कहा।