शिमला जिला के अपने प्रवास के तीसरे दिन मुख्यमंत्री ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र के खड़ाहण में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है और उनकी हरसंभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए एक-एक लाख रुपये मुआवजा प्रदान करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों की मुआवजा राशि बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि ग्राम पंचायत खड़ाहण सहित अन्य प्रभावित पंचायतों के संपर्क मार्गों को खोलने के लिए पर्याप्त धनराशि जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण जिन परिवारों के घर और जमीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें उचित स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि वे अपना घर-परिवार फिर से बसा सकें।
उन्होंने कहा कि सीमित साधनों के बावजूद राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि सेब बागवानों की मदद के लिए पंचायतों में अस्थाई रास्ते बनाए जा रहे हैं, ताकि सेब समय पर मंडियों तक पहुंच पाएं और बागबानों को आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े।
दोहराया कि सेब बहुल क्षेत्रों की सड़कें बहाल करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और विभागीय अधिकारी दिन-रात इस कार्य में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और आपदा में किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेंगे, ताकि प्रभावितों की मदद की जा सके।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ाई है। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजे को दस हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है और दुधारू पशु की मृत्यु पर जहां पहले 30 हजार रुपये प्रदान किये जाते थे.
उसे बढ़ाकर 55 हजार रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश गांवों में बसता है और राज्य सरकार गांव में रहने वाले लोगों की हरसम्भव सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि जनसेवा की भावना के साथ कार्य कर रही वर्तमान राज्य सरकार सही मायनों में लोगों की सरकार है और प्रदेश सरकार का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति का भला और ज़रूरत के समय हरसंभव सहायता करना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा आपदा में भी राजनीति के अवसर ढूंढ रही है। वर्तमान परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश को केंद्र से आर्थिक मदद की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक अंतरिम राहत की पहली किस्त भी जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दूसरी केंद्रीय टीम हिमाचल प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए दौरे पर है तथा उम्मीद है कि हिमाचल प्रदेश को जल्द ही पहली अंतरिम राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के अधिकार लेने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
भड़गांव में मुख्यमंत्री ने काफिला रोक सुनी जन समस्याएं
खड़ाहण जाते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सु्क्खू ने कई स्थानों पर अपना काफिला रूकवाया तथा लोगों की समस्याएं सुनीं। भड़गांव में एक घर में रूक कर मुख्यमंत्री ने लोगों को आ रही दिक्कतों के बारे जानकारी हासिल की तथा सम्बन्धित अधिकारियों को शीघ्र निपटारे बारे निर्देश दिए।
स्थानीय लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री ने जल शक्ति विभाग को जल जीवन मिशन के तहत बनाई जा रही कुरपन पेयजल परियोजना का निर्माण कार्य 25 दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। इस पेयजल परियोजना से ठियोग तक पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन चबेर सड़क का निर्माण कार्य भी जल्द से जल्द पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए।
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