अब अपनी मर्जी से स्कूल फीस बढ़ाने वालों और मनमाफिक फीस वसूलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। इसके लिए अब अभिभावक जिला उपायुक्तों के पास शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल फीस मामले देखने के लिए जिला उपायुक्तों को पत्र जारी किया है। सरकार की ओर से दिसंबर 2020 में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का हवाला देते हुए स्कूल फीस मामले हल करने के लिए कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उपायुक्तों के पास हल नहीं निकलने पर अभिभावकों को उच्च शिक्षा निदेशालय से संपर्क करने का विकल्प भी दिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने इस बाबत पत्र भेजे हैं।
दरअसल, दिसंबर 2020 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में निजी स्कूलों की फीस जांचने के लिए जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में जांच कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया था। कमेटियों को फीस से जुड़े रिकॉर्ड खंगालने और सुनिश्चित करने को कहा है कि स्कूल फीस से अभिभावकों का शोषण नहीं होना चाहिए। स्कूलों में सुविधाओं के हिसाब से फीस स्ट्रक्चर तय करने को कहा गया है। कमेटियों को पीटीए से भी चर्चा करने को कहा है। अब नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही शिमला के कई निजी स्कूलों पर मनमाने तरीके से स्कूल फीस में बढ़ोतरी करने के आरोप लगे हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने जिला उपायुक्तों को सरकार के दिसंबर 2020 के फैसले से अवगत कराते हुए फीस के मामलों को देखने को कहा है।