हिमाचल

बाली के निधन पर कांग्रेस में शोक की लहर, सुक्खू-अग्निहोत्री-विक्रमादित्य ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व मंत्री जीएस बाली के निधन पर हिमाचल कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ गई है। हर कोई उनको याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शोक व्यक्त किया है।

हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा “मेरे बड़े भाई, कई वर्षों से हर सुख-दुख के साथी, जिंदादिल और नेक दिल इंसान हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री जीएस बाली जी के निधन की दुखद खबर बेहद स्तब्ध करने वाली है। उनकी कमी मुझे सदैव खलेगी, उनके दु:खद निधन पर मैं उनके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करता हूं और आशा करता हूं कि परम पिता ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान प्रदान करें और परिवार को यह भीषण दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा “जीएस बाली प्रदेश के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उन्होंने परिवहन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करते हुए एक अलग पहचान परिवहन निगम की बनाई जिसे आज भी याद किया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने जब सस्ते राशन की योजना को चलाने का संकल्प किया, तब उस योजना को कार्यान्वित करने के लिए खाद्य आपूर्ति मंत्री के नाते जीएस बाली ने पहल की और उस योजना की शुरुआत उस समय ऊना की गई थी।”

उन्होंने कहा कि “हमें जीएस बाली का मार्गदर्शन व आशीर्वाद मिलता रहा है। एक जानदार और बेबाक नेता की कमी सदा हम सब को खलेगी, उनकी कमी को हिमाचल प्रदेश की राजनीति में पूरा नहीं किया जा सकता है ।मन व्यथित है । परमपिता परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति दे, अपने चरणों मे स्थान दे और परिवार को यह सदमा सहने की शक्ति प्रदान करें। प्रदेश की जनता व कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से जीएस बाली के परिवार के साथ है।”

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप राठ़ौर ने कहा “जीएस बाली के निधन से कांग्रेस ने अपना शीर्ष नेतृत्व खोल दिया जो कांग्रेस की मजबूती और  जनसेवा के प्रति समर्पित रहते थे। प्रदेश कांग्रेस पार्टी को दिए उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।

वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कहा ” जी एस बाली के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ, दिल को बहुत पीड़ा हुई, वह एक बहुत ही नेक दिल इंसान थे। हमारे पिता श्री वीरभद्र सिंह के साथ उनके बहुत घनिष्ठ सम्बंध थे और चालीस साल की दोस्ती थी। जब भी वह कोई काम बाली जी को करने के लिए कहते थे, बाली जी सब काम छोड़ तुरंत उस पर लग जाते थे और उसे पूरा करके दिखाते थे वह चाहे कितना भी कठिन कार्य क्यूं ना हों। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुःख के समय में हौसला और साहस दें।”

 

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