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कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड स्वास्थ्य सुविधाओं में हुई बढ़ौतरी

पी. चंद |

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ज्यादा घातक है। प्रदेश में कोविड-19 का पहला मामला लगभग 15 माह पहले सामने आया था। राज्य सरकार द्वारा इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए समय पर उठाए गए कदमों के फलस्वरूप 23 फरवरी, 2021 को राज्य में केवल 200 सक्रिय मामले रह गए थे। पहली लहर के दौरान राज्य में 58403 पाॅजिटिव मामले और 982 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई थीं। इसकी तुलना में अब तक दूसरी लहर के दौरान 125944 पॉजिटिव मामले और 1935 लोगों की मृत्यु दर्ज हो चुकी हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा दूसरी लहर के दौरान आवश्यकता के अनुसार अधोसंरचना तथा विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया है। प्रदेश में टेस्टिंग, आइसोलेशन तथा उपचार पर बल दिया जा रहा है। पहली लहर के दौरान कुल 10 लाख 63 हजार 922 टेस्ट के मुकाबले दूसरी लहर आने के बाद अब तक 8 लाख 895 टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश में इस संक्रमण से बचाव के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 18 लाख 77 हजार 950 लोगों को कोविशील्ड की पहली खुराक दी जा चुकी है।

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में वृद्धि की हैं। प्रदेश में एक मार्च, 2021 को 11 ऐसे संस्थान थे, जिनमें 440 बिस्तर तथा 32 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध थे, जबकि वर्तमान में प्रदेश में 56 कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 3860 बिस्तर तथा 291 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा प्रदान की जा रही हैं।

प्रदेश में घर द्वार पर कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए 70 एम्बुलेंस कार्यशील 

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र द्वारा घर द्वार पर कोविड-19 नमूनों की जांच के लिए 70 एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र द्वारा हाई रिस्क ग्रुप जैसे वृद्धजन और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज जो अस्पताल नहीं पहुंच सकते हैं, उनके लिए घर में जांच की सुविधा सुनिश्चित की जा रही हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में रैपिड एंटीजेंट टैस्ट की दरें अधिसूचित कर दी गई हैं। निजी अस्पतालों और उनके चिन्हित एकत्रित केन्द्रों में रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए 300 रुपये प्रति नमूना की अधिकतम दर तय की गई है और यदि घर से नमूना लिया जाता है तो इसके लिए अधिकतम 550 रुपये प्रति नमूने की दर रखी गई हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी संक्रामक महामारी से निपटने का मौलिक सिद्धांत शुरूआती चरण में संक्रमण का पता लगाना, आइसोलेट, उपचार, मामलों का प्रबन्धन और नए मामलों को रोकना है। ऐहतियात सबसे अच्छी रणनीति है, जो जांच पर निर्भर करती है।