ऊपरी शिमला की अवैध भूमि पर सेब कटान को लेकर माकपा कोर्ट के आदेशों को लग़ातार चुनौती देकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है। सोमवार को एक बार फिर माकपा ने बागवानों सहित सचिवालय के बाहर खूब हल्ला किया और इस दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई।
दरअसल, माकपा किसानों के पक्ष में ख़ड़े होकर लग़ातार उन्हें रियायत देने की मांग कर रही है। इसी के चलते सोमवार को माकपा ने सचिवालय का घेराव किया और पुलिस बैरिकेट्स को फेंकते हुए पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। यहां तक पुलिस वालों ने उन्हें सचिवालय के अंदर घुसने से रोका, लेकिन कुछ लोगों ने जबरन गेट पर चढ़कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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रियायत के मूड में नहीं सरकार!
वहीं, जयराम अवैध भूमि पर किसानों को रियायत देने के मूड में नहीं नज़र आ रही है। क्योंकि क़सौली गोलीकांड के बाद सरकार अवैध कब्जाधारकों पर कोई नर्मी नहीं दिखा रही। हालांकि, सरकार में मंत्रियों का कहना है कि इसपर कोर्ट में पक्ष रखा गया है और कोर्ट के आदेशों के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। लेकिन, अभी तक कोर्ट ने इसपर कोई संज्ञान नहीं लिया है क्योंकि क़सौली गोलीकांड से कोर्ट को आहत पहुंची है।
माकपा दे रही कोर्ट को चुनौती!
ग़ौरतलब है कि कोर्ट के आदेशों पर अवैध भूमि पर कब्जे और सेब के पेड़ हटाए जा रहे हैं। कई जगहों पर कार्रवाई होने के बाद कई छोटे बागवानों का कहना है कि उनकी रोज़ी इसकी वजह से ही चलती है, जिसके चलते उन्हें कुछ राहत दी जाए। इस पर माकपा लग़ातार सरकार को घेरे हुए है और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
माकपा का कहना है कि सरकार पांच बिघा से कम जमीन वालों को अपने स्तर पर राहत दे, जबकि ये कटान कोर्ट के आदेशों पर हो रहा है। इस पर सरकार ने बकायदा कोर्ट में अपना पक्ष भी रखा है, लेकिन अभी तक उस पर कोई रिप्लाई नहीं मिला है, जिसके चलते सरकार अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले रही है।